scriptभीम का उपपरिवहन कार्यालय किराए के भवन में वर्षों से संचालित, हज़ारों ग्रामीणों को हो रही भारी परेशानी | Bhim's sub-transport office is being run in a rented building for years, thousands of villagers are facing a lot of trouble | Patrika News
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भीम का उपपरिवहन कार्यालय किराए के भवन में वर्षों से संचालित, हज़ारों ग्रामीणों को हो रही भारी परेशानी

राजसमंद जिले का सबसे बड़ा उपखंड मुख्यालय भीम, जहां देवगढ़ विधानसभा क्षेत्र की 52 ग्राम पंचायतों के लोग अपनी परिवहन संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए आते हैं

राजसमंदJun 25, 2025 / 12:22 pm

Madhusudan Sharma

transport Office

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राजसमंद. राजसमंद जिले का सबसे बड़ा उपखंड मुख्यालय भीम, जहां देवगढ़ विधानसभा क्षेत्र की 52 ग्राम पंचायतों के लोग अपनी परिवहन संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए आते हैं, वहां का उपपरिवहन कार्यालय वर्षों से किराए के एक अस्थायी भवन में संचालित हो रहा है। यह कार्यालय सप्ताह में केवल दो दिन सोमवार और गुरुवार ही खुलता है, जिससे ग्रामीणों को समय, धन और श्रम की भारी बर्बादी का सामना करना पड़ रहा है।

वर्षों से किराए के भवन में चल रहा कार्यालय

भीम का उपपरिवहन कार्यालय किसी स्थायी सरकारी भवन में न होकर एक निजी किराए के भवन में संचालित हो रहा है। जहां न तो पर्याप्त जगह है, न ही तकनीकी या प्रशासनिक सुविधाएं। इससे ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन पंजीयन, नवीनीकरण, ट्रैक्टर-जीप-ट्रक फिटनेस, बीमा आदि जरूरी काम करवाने वाले आवेदकों को बार-बार चक्कर लगाने पड़ते हैं।
  • सिर्फ दो दिन की सेवाएं, वह भी बाधित
  • उपपरिवहन कार्यालय सप्ताह में केवल दो दिन खुलता है सोमवार और गुरुवार। इन सीमित कार्यदिवसों में भी अक्सर
  • बिजली की कटौती,इंटरनेट न चलना, कर्मचारी अनुपस्थिति जैसी समस्याओं के कारण लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ता है।

100 किलोमीटर दूर जाना मजबूरी

राजसमंद जिला मुख्यालय 100 किलोमीटर दूर होने के कारण, जब भीम में काम नहीं होता, तब लोगों को मजबूरी में जिले के आरटीओ कार्यालय जाना पड़ता है। इसके लिए:आवाजाही में 500-1000 तक का खर्च,एक पूरा दिन बर्बाद,
  • कभी-कभी रात रुकने की नौबत भी आ जाती है।
  • स्थायी भवन के लिए ज़मीन तो मिली, पर बजट नहीं
भीम के नंदावट गांव में करीब 10 बीघा भूमि उपपरिवहन कार्यालय के भवन निर्माण के लिए आवंटित कर दी गई है। लेकिन वर्षों से इस पर कोई निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया क्योंकि सरकार की ओर से बजट आवंटन नहीं हुआ।

विधायक हरिसिंह रावत ने जताई चिंता

भीम विधायक हरिसिंह रावत ने इस समस्या को गंभीर बताते हुए कहा:”मैंने विधानसभा में इस मामले को उठाया था और 10 बीघा ज़मीन भी आवंटित करवाई है। अब सरकार को चाहिए कि बजट स्वीकृत करे और जल्द से जल्द भवन निर्माण शुरू करवाए। भीम के लोग सालों से असुविधा झेल रहे हैं, यह अब और स्वीकार्य नहीं है।”
स्थानीय लोगों की मांगें और सुझाव

  • उपपरिवहन कार्यालय के लिए स्थायी भवन का शीघ्र निर्माण
  • कार्यालय के कार्यदिवसों में वृद्धि (सप्ताह में कम से कम 5 दिन)
  • बिजली बैकअप और ब्रॉडबैंड इंटरनेट की समुचित व्यवस्था
  • कार्यालय में अतिरिक्त स्टाफ की नियुक्ति

प्रभावित क्षेत्र व जनसंख्या

भीम उपपरिवहन कार्यालय की सेवाओं पर निर्भर रहने वाले इलाकों में शामिल हैं:
  • भीम
  • देवगढ़
  • खेरवा
  • बराड़ा
  • गेवाड़ी
  • नंदावट
  • बिठूणिया
  • आमली
  • 52 ग्राम पंचायतों की अनुमानित जनसंख्या: लगभग 1.5 लाख

सरकारी ढांचे की सुस्ती पर सवाल

राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक जिले और उपखंड में “सुगम सेवाएं-सुगम प्रशासन” के नारे दिए जाते हैं, लेकिन भीम में यह व्यवस्था सिर्फ कागजों पर ही नजर आती है। जमीन होते हुए भी बजट की गैर-उपलब्धता इस ओर संकेत करती है कि क्षेत्रीय समस्याओं को प्राथमिकता नहीं मिल रही है।

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