नरसिंहपुर पहुंची मां नर्मदा, बरगी डैम का गेट खुले
नर्मदा करीब चार दिन से उफान पर है। हालात यह हैं कि मां नर्मदा ने अपना आंचल ऐसा फैलाया कि पानी रायसेन से नरसिंहपुर जिले की सीमा को छू गया। बुधवार को उदयपुरा तहसील के बोरास तट का यह दृश्य बता रहा है कि मां नर्मदा जब पूर्ण वेग और विस्तार के साथ बढ़ती हैं तो तटों के बंध टूट जाते हैं। लगभग 400 मीटर की ऊंचाई से कैमरे में कैद किए गए इस नजारे में दिख रहा है कि बोरास तट, किनारे बने मंदिर डूब गए हैं।
सहायक नदी ने भी दिखाया अपना दम
इसके अलावा नर्मदा की सहायक नदी खांड में भयंकर बाढ़ होने से ग्राम बारह, चंदपुरा, कानीबाड़ा आदि प्रभावित हुए हैं। बुधवार को बारिश नहीं हुई इससे थोड़ी राहत मिली है, लेकिन यदि रात में इन नदियों के कैचमेंट एरिया में पानी गिरता है तो स्थिति और बदतर हो जाएगी। प्रशासनिक अधिकारी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। आवश्यकता अनुसार हर संभव मदद कर रहे हैं। नर्मदा तट से दूर रहने की अपील की जा रही है। (villages cutoff)
बैंक वाटर पहुंचा गांवों तक
नर्मदा तटों के गांवों का बरेली मुख्यालय से संपर्क कटा हुआ है। यहां नर्मदा का बैंक वाटर गांवों तक पहुंच रहा है। बगलबाड़ा के लोकेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया, नर्मदा तट पर बसा गांव बगलबाड़ा मंगलवार की रात से चारों तरफ नर्मदा जल से घिरा हुआ है। आने जाने के सारे रास्ते बंद हैं। यदि यहां कोई व्यक्ति बीमार हो जाए तो उसे अस्पताल की सुविधा मिलना कठिन होगा। बरेली से बगलबाड़ा मार्ग पर सिलापोर पुल पर पानी है। इसके अलावा अन्य मार्ग भी बंद है। मांगरोल गांव का भी मुय रोड से संपर्क टूटा हुआ है। बरेली तहसीलदार रामजीलाल वर्मा ने कहा कि नर्मदा के बैकवॉटर के कारण नर्मदा तट के गांव बगलबाड़ा सहित अन्य गांव का छोटी पुलियों और रपटा पर पानी होने कारण संपर्क टूटा हुआ है। (villages cutoff)
अधूरा पुल बना परेशानी
सिलवानी में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बहोरी रोड से मनकवाड़ा रोड पर बन रहा पुल पिछले कई महीनों से अधूरा पड़ा है। करीब 1.50 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा पुल लोगों की परेशानी का कारण बन गया। बारिश के कारण देनी, मानकवाड़ा समेत 5 गांवों के करीब 3 हजार ग्रामीणों का संपर्क सिलवानी से पूरी तरह टूट चुका है। बच्चों का स्कूल जाना मुश्किल हो गया है। बीमारों को इलाज के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं बुजुर्गों और बीमार लोगों को अस्पताल ले जाना जान जोखिम में डालने जैसा हो गया है।
बह गई सड़के
वैकल्पिक अस्थाई मार्ग भी बारिश में बह गया है। जिससे अब ग्रामीणों को करीब 30 किमी लंबा चक्कर लगाकर सिलवानी पहुंचना पड़ रहा है। पिछले डेढ़ साल से अधर में पुल ठेकेदार पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं। पुल का निर्माण 8 फरवरी 2024 को शुरु हुआ था और इसे 15 जनवरी 2026 तक पूरा किया जाना है, लेकिन आधे से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद निर्माण कार्य ठप पड़ा है। ग्राम देनी निवासी गोविंद रघुवंशी ने कहा कि ठेकेदार बेहद धीमी गति से काम कर रहा है। वैकल्पिक रास्ता भी बना था जो पहली बारिश में बह गया। अब आवागमन पूरी तरह बंद है। ग्रामीणों की समस्या को लेकर प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना के अधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा, ताकि शीघ्र समाधान हो सके।- पीसी शाक्य, एसडीएम