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रायपुर

Mother’s Day 2025: अनपढ़ मां का पढ़ा-लिखा सपना, बेटे ने इसरो तक रोशन किया नाम, जानिए इनकी सफलता की कहानी

Mother’s Day 2025: मां, आज मदर्स डे है और मैं आपका बेटा एनके चक्रधारी आज जो कुछ भी हूं उसे शब्दों में बयां करना मेरे लिए मुश्किल है। मेरी आंखें नम हैं, क्योंकि मेरी जिंदगी की हर सफलता की नींव में आपका ही त्याग और तपस्या छिपी है।

रायपुरMay 11, 2025 / 11:51 am

Khyati Parihar

Mothers Day 2025: अनपढ़ मां का पढ़ा-लिखा सपना, बेटे ने इसरो तक रोशन किया नाम, जानिए इनकी सफलता की कहानी
Mother’s Day 2025: @ ताबीर हुसैन। मां, आज मदर्स डे है और मैं आपका बेटा एनके चक्रधारी आज जो कुछ भी हूं उसे शब्दों में बयां करना मेरे लिए मुश्किल है। मेरी आंखें नम हैं, क्योंकि मेरी जिंदगी की हर सफलता की नींव में आपका ही त्याग और तपस्या छिपी है।
आपका वो अनपढ़ सपना, जिसे आपने मेरी आंखों से देखा, आज इसरो के आसमान तक रोशन हो रहा है। बचपन की धुंधली यादों में मेरी सबसे पहली टीचर आप ही तो थीं। वो गांव कोलियारी रायपुर से 50 किलोमीटर दूर, जहां पांचवीं कक्षा तक ही स्कूल था। मेरी शुरुआती शिक्षा तो आपने ही दी थी घर पर। मुझे याद है, मां, आप सुबह उठकर घर के कामों में लग जाती थीं और फिर भी मेरे लिए समय निकालती थीं। अक्षर ज्ञान से लेकर पहली कविता तक, सब आपने सिखाया।
वो स्लेट और पट्टी पर घिसती हुई पेंसिल की आवाज आज भी मेरे कानों में गूंजती है। उस छोटे से गांव में, जहां सुविधाएं न के बराबर थीं, आपने मेरी शिक्षा की नींव इतनी मजबूत रखी कि आज मैं जो कुछ भी हूँ, उसी की बदौलत हूं। मुझे याद है, मां जब मैं थोड़ा बड़ा हुआ और मिडिल स्कूल में पढ़ने गया, तो हर दिन पैदल जाना कितना मुश्किल होता था। पर आपकी हिम्मत और आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ रहते थे। फिर नवापारा-राजिम का हाई स्कूल… वो लंबा रास्ता और किताबों का बोझ, सब आपकी प्रेरणा से आसान लगता था। बारहवीं की परीक्षा के बाद जब पीईटी की तैयारी करनी थी तो घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी।
Mother’s Day 2025: आपको याद है, मां मैंने कैसे अपने गुल्लक के पैसे निकालकर फॉर्म भरा था? और फिर जब कोचिंग के लिए अच्छे होस्टल में मुफ्त में दाखिला मिला, तो पिताजी कितने परेशान हो गए थे। उन्हें लगता था, मैं कहीं भाग गया हूँ। आप ही तो थीं, जिसने उन्हें समझाया और मेरा साथ दिया। मां आपके आशीर्वाद और मेरी मेहनत से मैंने पीईटी में अच्छी रैंक हासिल की और फिर कॉलेज की पढ़ाई पूरी की।
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यह मेरे लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है

आज मैं गर्व से कह सकता हूँ कि मैं उसी राज्य के सबसे बड़े विश्वविद्यालय, रविवि में प्रोफेसर हूं। यह मेरे लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है, लेकिन मेरी यात्रा यहीं नहीं रुकी। आपके दिखाए रास्ते और आपके दिए संस्कारों की बदौलत मुझे देश की प्रतिष्ठित अंतरिक्ष अनुसंधान संस्था इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) में भी काम करने का अवसर मिला। मैंने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में अपना योगदान दिया और यह सब आपकी शुरुआती शिक्षा और आपके विश्वास के बिना संभव नहीं था।
उस अनपढ़ मां का सपना, जिसने कभी स्कूल का दरवाजा भी नहीं देखा था, आज उसके बेटे की उपलब्धियों के रूप में आसमान छू रहा है। मां आपके त्याग और तपस्या का मैं हमेशा ऋणी रहूँगा। हैप्पी मदर्स डे! आप हमेशा स्वस्थ और खुश रहें, यही मेरी प्रार्थना है। आपका ममता और आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ रहे।

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