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सिलेंडर से गैस लीक होना, सिलेंडर में गैस कम होने जैसी कई शिकायतें कंपनी को मिल चुकी है। बताया जाता है कि इसकी बड़ी वजह गैस एजेंसी वालों का सीधे सप्लाई करना है। अगर गैस सिलेंडर को अपने गोदाम में रखने के बाद सप्लाई करेंगे, तो खराबी की जानकारी उन को मिल जाती है। इसे सुधार सकते हैं, लेकिन डिपो से सीधे घरों तक भेजना काफी जोखिमभरा है।
150 ट्रकें वितरण में गैस सिलेंडरों को अपने ऑफिस, गोदाम से ही सप्लाई करना है। डिपो से लाकर सीधे ग्राहकों को वितरण करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। -भूपेंद्र मिश्रा, कंट्रोलर, खाद्य विभाग, रायपुर
गोदाम छोड़ रोड पर ही वितरण करते हैं सिलेंडर कई गैस एजेंसियां अपना गोदाम छोड़ सड़क पर ही गैस सिलेंडर का वितरण कर रही हैं। इस दौरान कोई घटना हो जाए, तो आसपास के लोगों को भारी नुकसान होगा। साथ उस समय सुरक्षा का कोई इंतजाम भी नहीं रहता है। गैस कंपनियां भी ऐसी एजेंसियों के खिलाफ किसी तरह का एक्शन नहीं लेती है। इसके चलते गैस एजेंसियां मनमानी कर रही हैं।
अधिकांश गैस एजेंसियों का गोदाम और ऑफिस शहर भीतर है, जबकि आबादी काफी फैल गई है। शहर का दायरा भी बढ़ गया है। इस कारण अधिकांश गैस एजेंसियां डिपो से गैस सिलेंडर लाने के बाद अपने गोदाम में नहीं जाती हैं, बल्कि किसी सार्वजनिक स्थान या रोड किनारे ट्रक खड़े कर देते हैं और ग्राहकों को वहीं बुलाकर वितरण करने लगते हैं। इससे उनका अपने गोदाम आने-जाने के वाहनों के खर्च की बचत हो जाती है।