Korba Electricity News: विद्युत वितरण कंपनी के आउटेज रिपोर्ट से खुलासा
इधर छत्तीसगढ़
बिजली वितरण कंपनी के आउटेज रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अप्रैल की पहली तारीख से 20 मई तक कोरबा शहर के अलग-अलग इलाकों में बिजली लगभग 110 बार बंद हुई। यानी औसत हर दिन दो से तीन बार बिजली कटी। हालांकि यह पॉवर कट घोषित नहीं है, बल्कि जितनी बार भी बिजली बंद हुई। उसके अधिकतर कारण तत्कालीक बने। जैसे आकाशीय गरज-चमक के साथ बिजली, आंधी-तूफान और इस बीच हुई बारिश।
मौसम ने
बिजली वितरण में कई बार बाधा उत्पन्न किया। गरज-चमक के कारण कई क्षेत्रों में एंश्युलेटर खराब हो गए। आंधी तूफान के कारण भी बडे़ पैमाने पर बिजली के खंभो को नुकसान पहुंचा। इसके अलावा बिजली वितरण कंपनी ने मानसून से पूर्व, जो मेंटेनेंस का काम किया। उसे भी आउटेज रिपोर्ट में शामिल किया गया है। बत्ती गुल होने के मामले न तो शहरी क्षेत्र में कम है और न ही ग्रामीण क्षेत्रों में। अभी स्थिति ऐसी है कि थोड़ी से हवा या गरज-चमक पर ही बिजली बंद हो जाती है।
ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवस्था और चरमराई
इधर शहर के साथ-साथ
ग्रामीण क्षेत्रों में भी बिजली की आपूर्ति ठीक नहीं है। विकासखंड पोड़ी उपरोड़ा अंतर्गत चोटिया के आसपास स्थित 15 से 20 गांवों में पिछले छह दिन से बिजली की आपूर्ति बंद है। इसका बड़ा कारण पिछले हते चोटिया क्षेत्र में आया तूफान बताया जा रहा है। आंधी के कारण कई जगह पर जंगल में पेड़ की डालियां टूट कर बिजली लाइन पर गिर गई। खंभों को भी नुकसान पहुंचा है। कई जगह पर खंभे भी टूट गए हैं। इससे आपूर्ति बाधित हुई है।
ग्रामीणों का कहना है कि कई बार आपूर्ति को बहाल करने के लिए उनकी ओर से वितरण कंपनी के अधिकारियाें से कई बार संपर्क किया गया है। गड़बड़ियों को दूर कर आपूर्ति बहाल करने की मांग की गई है। लेकिन अभी तक लाइन चालू नहीं हो सकी है। ग्रामीणों ने बताया कि इस गर्मी में
बिजली बंद होने से उनके लिए मोबाइल चार्ज करना भी मुश्किल हो गया है। रात में घरों में अंधेरा रहता है। इस कारण जहरीले जीव-जंतुओं के काटने की आशंका बनी रहती है। ग्रामीणों का आरोप है कि वितरण कंपनी जंगल के रास्ते गुजरने वाले तार के आसपास स्थित पेड़ो की छटाई कराती तो लाइन इतने दिन तक बंद नहीं होती।