भारत पाकिस्तान को एफएटीएफ की ‘ग्रे लिस्ट’ में डलवाने की कोशिश कर रहा है। (प्रतिनिधि छवि :ANI)
India FATF Pakistan Grey List: भारत ने पाकिस्तान को दोबारा एफएटीएफ (FATF) की ‘ग्रे लिस्ट’ में डालने की प्रक्रिया तेज कर दी है। यह कदम आतंकवादी वित्तपोषण पर लगाम लगाने और पाकिस्तान पर वैश्विक दबाव बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है। सूत्रों के मुताबिक, भारत सरकार ने एक विस्तृत डोजियर तैयार कर लिया है जिसमें पाकिस्तान के हालिया आतंकी फंडिंग ट्रेल, और जम्मू-कश्मीर में हुई घटनाओं से जुड़ा वित्तीय नेटवर्क उजागर किया गया है। ध्यान रहे कि भारतीय कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) के बाद भारत की ओर से ऑपरेशन सिन्दूर ( Operation Sindoor) सैन्य अभियान चला कर पाकिस्तान ( Pakistan) में आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया था। उसके बाद से भारत इस मुददे पर पाकिस्तान को हर मोर्चे पर और हर स्तर पर घेर रहा है।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार यह डोजियर जून 2025 में होने वाली एफएटीएफ प्लेनरी मीटिंग में पेश किया जाएगा। भारत का दावा है कि पाकिस्तान ने 2022 में ग्रे लिस्ट से हटने के बाद जिन शर्तों का पालन करने का वादा किया था, उनका लगातार उल्लंघन किया है।
पाकिस्तान को 2022 में ग्रे लिस्ट से बाहर निकाला गया था
सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ आतंकी फंडिंग के आरोपों को उठाएगा ताकि उसे वैश्विक मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्तपोषण निगरानी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स एफएटीएफ की ‘ग्रे लिस्ट’ में वापस डाला जा सके। सूत्रों ने बताया कि भारत खास तौर पर उन कानूनी प्रावधानों का पालन न करने की ओर ध्यान दिलाएगा, जिनका पालन करने का वादा पाकिस्तान ने 2022 में ग्रे लिस्ट से बाहर आने पर किया था।
सरकार इस पर विचार कर रही है
एक सरकारी सूत्र ने बताया,”हां, हम इस पर विचार करेंगे। इसके लिए तैयारी का काम चल रहा है।” सूत्रों ने बताया कि सरकार एक डोजियर तैयार कर रही है, जो एफएटीएफ की अगली पूर्ण बैठक में पेश किया जाएगा, यह जून में होने की संभावना है। इसके अलावा, भारत जून में पाकिस्तान को विश्व बैंक की ओर से दी जाने वाली वित्तीय सहायता की समीक्षा पर भी आपत्ति जताएगा।
आतंकवादी गतिविधियों के कारण पाकिस्तान पर अंकुश लगे : भारत
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार एफएटीएफ में इस बात पर विचार कर रही है कि पड़ोसी देश को आतंकवादी गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता देने वाले वित्तीय प्रवाह पर अंकुश लगाया जाए। यह कदम 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के लिए पाकिस्तान के खिलाफ अपनी कार्रवाई बढ़ाने के प्रयास के तहत उठाया गया है, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे।
भारत को कश्मीर में अवैध धन प्रवाह कम करने में मदद मिली
पाकिस्तान को जून 2018 में ‘ग्रे लिस्ट’ में डाल दिया गया था, और अक्टूबर 2022 में इसे हटाए जाने तक “बढ़ी हुई निगरानी” का सामना करना पड़ा। इस सूची में होने से एफडीआई और पूंजी प्रवाह पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, क्योंकि व्यवसायों को अधिक परिश्रम करना पड़ता है। सरकारी अधिकारियों ने पहले कहा था कि इससे पाकिस्तान से भारत में, खासकर जम्मू-कश्मीर में अवैध धन प्रवाह को कम करने में मदद मिली है।
भारत ने आईएमएफ की बैठक में भी आपत्ति जताई थी
भारत ने इस महीने की शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की बोर्ड बैठक में पाकिस्तान के लिए जुलाई 2024 से शुरू होने वाले 7 अरब डॉलर के सहायता पैकेज के तहत धनराशि जारी करने पर आपत्ति जताई थी, जिसमें पड़ोसी देश द्वारा नापाक गतिविधियों और आतंकवादी हमलों के लिए धन का दुरुपयोग करने का हवाला दिया गया था।
भारत को FATF के अन्य सदस्य देशों के समर्थन की आवश्यकता
जानकारी के अनुसार पाकिस्तान के लिए ‘ग्रे लिस्ट’ का दर्जा मांगने के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू करने के लिए भारत को एफएटीएफ के अन्य सदस्य देशों के समर्थन की आवश्यकता होगी। दरअसल प्लेनरी एफएटीएफ का निर्णय लेने वाला निकाय है, जो साल में तीन बार, आमतौर पर फरवरी, जून और अक्टूबर में मिलता है।
एफएटीएफ के 40 सदस्य हैं,पाकिस्तान एफएटीएफ का सदस्य नहीं
गौरतलब है कि एफएटीएफ के 40 सदस्य हैं, और 200 से ज़्यादा अधिकार क्षेत्र एफएटीएफ -शैली क्षेत्रीय निकायों के ज़रिए एफएटीएफ की सिफ़ारिशों के लिए प्रतिबद्ध हैं। पाकिस्तान एफएटीएफ का सदस्य नहीं है, बल्कि एशिया पैसिफिक ग्रुप ऑन मनी लॉन्ड्रिंग (APG) का सदस्य है, जो एफएटीएफ -शैली का सबसे बड़ा क्षेत्रीय निकाय है। भारत APG के साथ-साथ एफएटीएफ का भी सदस्य है।
भारत का यह कदम एक रणनीतिक व कूटनीतिक दबाव
विश्लेषकों का कहना है कि भारत का यह कदम एक रणनीतिक व कूटनीतिक दबाव है, जिसका उद्देश्य आतंकवाद के वित्तीय स्रोतों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर करना है। पाकिस्तान पहले ही आर्थिक मंदी और विदेशी कर्ज संकट से जूझ रहा है-ऐसे में एफएटीएफ की निगरानी दोबारा शुरू होना उसकी अंतरराष्ट्रीय छवि और निवेशकों के भरोसे को और नुकसान पहुंचा सकता है।
भारत पाक के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए लॉबिंग कर रहा
एफएटीएफ की अगली प्लेनरी मीटिंग जून 2025 में होने वाली है। भारत पाकिस्तान के खिलाफ अन्य सदस्य देशों से समर्थन जुटाने के लिए सक्रिय रूप से लॉबिंग कर रहा है। अगर पर्याप्त समर्थन मिला, तो पाकिस्तान को फिर से निगरानी सूची में डाला जा सकता है, जिससे उस पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ेगा।
भारत आतंक के खिलाफ पाकिस्तान को हर मोर्चे पर घेर रहा
बहरहाल भारत ने केवल एफएटीएफ ही नहीं, बल्कि IMF और ADB से भी पाकिस्तान को वित्तीय सहायता देने पर आपत्ति जताई है। हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत का रुख और सख्त हुआ है। क्यों कि यह तथ्य सामने आ चुका है कि पाकिस्तान आतंकियों को फंडिंग देने वाले समूहों को अब भी संरक्षण दे रहा है।