जितने समय वाहन पार्किंग में खड़ा रहा उतना ही चार्ज वाहन खड़े करने वाले को देना होगा। इसके अलावा पर्ची वाला सिस्टम भी जारी रहेगा। फिलहाल क्यूआर कोड वाले सिस्टम को एक महीने तक ट्रायल किया जाएगा। अगर यह सफल रहा तो भविष्य में फास्टैग सिस्टम को अपनाया जाएगा। इससे रेलवे स्टेशन की पार्किंग में लोगों के समय की बचत के साथ ही जाम की समस्या भी हल होगी।
CG Railway: ट्रायल के बाद करेंगे लागू
रायपुर डिवीजन के सीनियर डीसीएम अवधेश कुमार त्रिवेदी ने कहा की फोर व्हीलर पार्किंग के लिए 1 माह तक इस नए सिस्टम को ट्रायल के तौर पर लागू कर रहे हैं। इसके सफल होने पर इसे लागू किया जाएगा। साथ ही टू व्हीलर पार्किंग में भी इसे लागू करेंगे। इससे कागज की बचत, विवाद की स्थिति पर लगाम लगा सकेंगे।
ट्रायल के दौरान समझेंगे समस्याएं
रेलवे की ओर से क्यूआर कोड सिस्टम का ट्रायल शुरू किया जाएगा। यह एक माह तक चलेगा। ट्रायल के दौरान सिस्टम को लागू करने के लिए आ रही समस्याओं का हल ढूंढा जाएगा। इसके अलावा सिस्टम को और किस तरह बेहतर बनाया जा सकता है, इस पर विचार किया जाएगा। चार पहिया वाहनों में क्यूआर कोड वाला सिस्टम सफल होने पर दो पहिया पार्किंग में भी इसे लागू किया जाएगा। लेनदेन का रहेगा रेकॉर्ड
रायपुर
स्टेशन के दोनों तरह बनीं पार्किंग में समय को लेकर कर्मचारियों और गाड़ी खड़ी करने वालों में विवाद होता है। यहां अक्सर अधिक समय तक गाड़ी खड़ी करने की बात पर अवैध वसूली की शिकायत होती रहती है। क्यूआर कोड सिस्टम लागू होने से यह समस्या दूर हो जाएगी। साथ ही हर लेनदेन का रिकॉर्ड भी सिस्टम में दर्ज होगा। इससे ज्यादा चार्ज नहीं वसूला जा सकेगा। गलती पकड़ाने पर रेलवे की ओर से पार्किंग ठेकेदार पर कार्रवाई की जाएगी।