सूत्रों के मुताबिक, गौसपुर स्थित इस जमीन पर एक हिस्ट्रीशीटर समेत कुछ अन्य लोगों ने अवैध तरीके से कब्जा कर लिया था और प्लॉटिंग का काम शुरू कर दिया था। इसकी शिकायत जैसे ही पुलिस कमिश्नर तरुण गाबा तक पहुंची, उन्होंने त्वरित संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए।
अतीक ने राजमिस्त्री के नाम पर करवाई थी रजिस्ट्री गौरतलब है कि यह वही जमीन है, जिसे माफिया अतीक अहमद ने राजमिस्त्री हुबलाल के नाम पर दर्ज कराया था। जब इस फर्जीवाड़े का पता चला, तो पुलिस ने इसे गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क किया था। तत्पश्चात तत्कालीन डीसीपी सिटी दीपक भूकर ने इसे राज्य सरकार में निहित करवाने की कानूनी प्रक्रिया पूरी की थी।
कोर्ट से मिली थी अनुमति, फिर भी दोबारा कब्जे की कोशिश इस जमीन को लेकर तत्कालीन पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा की कोर्ट से आदेश भी जारी हो चुका था। लेकिन इसके बावजूद कुछ लोगों ने मौके का फायदा उठाकर यहां अवैध कब्जा कर प्लॉटिंग का धंधा शुरू कर दिया। अब प्रशासन ने पुनः मौके पर जाकर बोर्ड लगाकर जमीन पर सरकारी स्वामित्व की पुष्टि की है और अवैध निर्माण को चेतावनी दी गई है।
जल्द होगी FIR, सख्त कदम तय प्रशासन ने बताया कि इस मामले में जल्द ही एफआईआर दर्ज की जाएगी और दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी। जमीन से अवैध कब्जा हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पुलिस और राजस्व विभाग की टीम लगातार निगरानी रख रही है ताकि दोबारा अतिक्रमण न हो सके।
सख्त संदेश: माफिया की संपत्तियों पर दोबारा कब्जा नहीं चलेगा इस कार्रवाई से स्पष्ट संदेश गया है कि शासन माफियाओं की जब्त संपत्तियों को लेकर किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरतेगा। ऐसी किसी भी कोशिश पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और जिम्मेदारों को बख्शा नहीं जाएगा।