यह जानकारी केन्द्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में दी है। लोकसभा में सांसदों ने ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद हुए सीजफायर को लेकर अमेरिकी दखल को लेकर सवाल पूछा गया। सवाल में विदेश मंत्रालय से यह जानकारी भी मांगी गई कि भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य अभियान में बढ़त बना ली थी और सिर्फ तीन दिन के भीतर इसे रोका गया। इसके लिखित जवाब में विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने बताया कि हमारे सभी वार्ताकारों को एक ही संदेश दिया गया कि भारत का दृष्टिकोण लक्ष्य केंद्रित, संतुलित और तनाव न बढ़ाने वाला है। 10 मई को भारत और पाकिस्तान, दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच सीधे संपर्क के परिणामस्वरूप गोलाबारी और सैन्य गतिविधि रोकने पर सहमत हुए। इस संपर्क की पहल पाकिस्तानी पक्ष ने की थी। उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान और पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर) में आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के अपने मुख्य लक्ष्य 8 मई को ही हासिल कर लिए थे।
-तीसरे पक्ष की मध्यस्थता मंजूर नहीं सिंह ने जवाब में बताया कि पाकिस्तान के साथ किसी भी लंबित मुद्दे पर केवल द्विपक्षीय चर्चा की जाएगी। यह बात सभी देशों को स्पष्ट की जा चुकी है। प्रधानमंत्री के अमेरिकी राष्ट्रपति को इससे अवगत कराना भी शामिल है।
-पाक प्रायोजित आतंकी हमले का दिया था जवाब विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित उत्तर में ऑपरेशन सिंदूर को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा किए गए एक बर्बर सीमा-पार पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू करना बताया है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी ढांचे को ध्वस्त करना और उन आतंकियों को खत्म करना था। जिन्हें भारत में घुसपैठ के लिए भेजा जा सकता था। भारत की कार्रवाई केंद्रित, संतुलित और गैर-उत्तेजक रही। भारत की कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों के साथ नागरिक क्षेत्रों पर भी हमला करने की कोशिश की। इसके जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान हमलों का जवाब देते हुए पाकिस्तान की सैन्य क्षमताओं को गंभीर नुकसान पहुंचाया।