बघेल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट में लिखा है, उनको भाजपा के शीर्ष नेतृत्व द्वारा पार्टी से निष्कासित करने की धमकी सिर्फ इसलिए दी जा रही है क्योंकि वे अदाणी संचार विभाग के एक प्रवक्ता जो कि मंत्री भी है, उससे लगातार सवाल पूछ रहे हैं। डीएमएफ और सीएसआर में जो भ्रष्टाचार चल रहा है, उसको ढकने की कोशिश की जा रही है।
रवि भगत की विचारधारा अलग हो सकती है, लेकिन अपनी मेहनत से राजनीति में आगे बढ़े एक आदिवासी युवा को दबाकर, धमकाकर भाजपा यह संदेश देना चाहती है कि कोई भी अदाणी के लोगों से न ही सवाल पूछेगा और न ही भ्रष्टाचार पर सवाल उठाएगा। उन्होंने आगे लिखा है, हसदेव, तमनार में आदिवासियों को उजाड़ने के बाद अब भाजपा में आदिवासी नेतृत्व को दबाने की राजनीति शुरू हो गई है। आदिवासी को वनवासी कहने वाली भाजपा और आरएसएस का यही मूल चरित्र है, सबको समझना होगा।
मरकाम ने मामला उठाया तो प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाया: भाजपा
भाजपा प्रवक्ता अनुराग अग्रवाल ने कांग्रेस के सवालों पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा, कांग्रेस भाजपा के अंदरूनी मामलों में झांकना बंद करके जरा वह समय याद करें, जब आपके तात्कालिक आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने विधानसभा में डीएमएफ फंड का मामला उठाया था तो आपने उन्हें अध्यक्ष पद से ही हटवा दिया था। आपके तत्कालीन राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने तो बाकायदा पत्र लिखकर कोरबा कलेक्टर रानू साहू द्वारा डीएमएफ फंड के दुरुपयोग का मामला उठाया गया तो आपने उस अधिकारी को सजा देने के बजाय प्रमोशन दिया था। इस बारे में भी जरा जवाब दे दें। उन्होंने कहा, आदिवासियों के राजनीति करने का प्रयास भूपेश आप ना ही कर तो बेहतर है। प्रदेश का मुखिया एक आदिवासी है जिसे अपमानित करने का कोई भी मौका आप नहीं छोड़ते हैं। देश के सर्वोच्च पद पर आदिवासी समाज की बेटी द्रौपदी मुर्मु को बैठाने का श्रेय भारतीय जनता पार्टी को जाता है। अपने बेटे की गिरफ्तारी के विरोध में पूरी कांग्रेस को आपने झोंक दिया, लेकिन जिस आदिवासी नेता कवासी लखमा को आगे करके आपने करोड़ों रुपए बनाए उसकी आप सुध भी नहीं ले रहे हैं।
आदिवासी ग्रामीणों का हक मांगा है: बैज
इधर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बैज ने कहा, रवि भगत ने कोई सरकार में हिस्सा नहीं मांगा, आदिवासी ग्रामीणों का हक मांगा है। उसे संज्ञान में लेने के बजाय एक आदिवासी युवा नेता को कुचलने और दबाने का प्रयास सरकार कर रही है। इससे साफ हो गया कि भाजपा में लोकतंत्र खत्म है यहां बोलने वालों को सूली पर चढ़ाया जाता है।