एनसीईआरटी ने किया परख सर्वेक्षण
परख सर्वेक्षण एनसीईआरटी ने किया है। विद्यार्थियों के परीक्षण की जिम्मेदारी बीएड प्रशिक्षणार्थियों को सौंपी गई थी। सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य शिक्षा को केवल विषय वस्तु तक सीमित न रखते हुए आलोचनात्मक सोच, समस्या-समाधान और अनुप्रयोग आधारित कौशल के विकास पर जोर देना रहा। इससे भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में छात्र प्रदर्शन के विश्लेषण से प्रगति के साथ-साथ सुधार की जरूरत वाले क्षेत्रों की पहचान हुई। वहीं उपलब्धि के आधार पर जिलों को भी चार श्रेणियों में बांटा गया है। इसमें क्रमश: उदित, उदय, उन्नत एवं उद्भव नाम दिए गए हैं।
औसत परिणाम निजी से ज्यादा
कक्षा 9 के सर्वेक्षण में प्रदेश की सरकारी सरकारी स्कूलों का औसत परिणाम चार में से तीन विषयों में निजी स्कूलों से ज्यादा रहा है। निजी स्कूलों के गणित के 41, विज्ञान के 45 और सोशल साइंस के 44 प्रतिशत औसत परिणाम के मुकाबले सरकारी स्कूलों का परिणाम 45, 47 व 46 प्रतिशत रहा है। केवल एक भाषा विषय में निजी स्कूलों का परिणाम सरकारी स्कलों के 53 प्रतिशत के मुकाबले चार प्रतिशत की बढ़त के साथ 57 फीसदी रहा।निजी से अच्छा रहा सरकारी का परिणाम
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण-2024 में प्रदेश के सरकारी स्कूल के बच्चों का परिणाम ज्यादा बेहतर मिला है। कक्षा 3, 6 व 9 में हुए टेस्ट में सरकारी स्कूल के बच्चों का औसत परिणाम प्रतिशत तीनों कक्षाओं के 9 में से 7 विषयों में निजी स्कूलों से बढ़िया व एक विषय में बराबर रहा है।
कक्षा 6 में भाषा विषय में सरकारी व निजी स्कूलों का औसत परिणाम 60-60 फ़ीसदी की बराबरी पर रहा। इसी तरह गणित में निजी स्कूलों के 51त्न की तुलना में सरकारी स्कूलों का परिणाम 54 और सामान्य ज्ञान में 53 फीसदी के मुकाबले 55 फीसदी रहा।