क्या था हेट स्पीच का मामला?
यह मामला साल 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से जुड़ा है। 3 मार्च 2022 को मऊ शहर कोतवाली में एसआई गंगाराम बिंद की शिकायत पर अब्बास अंसारी और अन्य के खिलाफ हेट स्पीच और चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोप था कि सुभासपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे अब्बास अंसारी ने पहाड़पुर मैदान में एक जनसभा के दौरान मऊ के प्रशासनिक अधिकारियों को धमकी देते हुए कहा था कि चुनाव के बाद वह उनका “हिसाब किताब” करेंगे।इस मामले में उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई गंभीर धाराएं लगाई गईं, जिनमें: धारा – 120 बी, भादवि, आपराधिक षड्यंत्र, धारा- 153 ए, भादवि, धर्म, मूलवंश, जन्म स्थान, निवास स्थान, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता का संप्रवर्तन और सौहार्द्र बने रहने पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला कार्य करना, धारा – 189 भादवि, लोक सेवक को क्षति कारित करने की धमकी, धारा- 171 एफ भादवि,निर्वाचनों में असम्यक असर डालने या प्रतिपरूपण के लिए दंड,धारा – 506 भादवि, आपराधिक अभित्रास के लिए दंड।
कोर्ट ने कब सुनाई थी सजा?
लगभग तीन साल चली कानूनी कार्यवाही के बाद, 31 मई 2025 को मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने अब्बास अंसारी को दोषी ठहराया और दो साल की सजा सुनाई। कोर्ट ने उन पर ₹11,000 का जुर्माना भी लगाया। इसी मामले में उनके साथी मंसूर अंसारी को भी छह महीने की सजा और ₹1,000 का जुर्माना लगाया गया था।
सजा के बाद गई थी विधायकी
कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद, 1 जून 2025 को विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने अब्बास अंसारी की सदस्यता रद्द कर दी। विधानसभा सचिवालय को छुट्टी के दिन खोलकर यह कार्यवाही पूरी की गई थी। इसके बाद से ही मऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने की अटकलें लगाई जा रही थीं।
पांच जुलाई को सजा पर रोक से इनकार
हेट स्पीच केस में दो साल की सजा पर रोक लगाने के साथ जमानत के लिए अब्बास अंसारी ने मऊ के विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए राजीव कुमार वत्स की अदालत में अर्जी लगाई थी। सजा के खिलाफ उनकी अपील को मऊ के जिला जज की अदालत ने पांच जुलाई को खारिज कर दिया था। इसके बाद, उनके वकील उपेंद्र उपाध्याय ने 17 जुलाई 2025 को इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।बुधवार को हाईकोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी, जिससे उनकी विधायकी बहाल होने का रास्ता साफ हो गया है। इस फैसले को अब्बास अंसारी के लिए एक बड़ी राहत माना जा रहा है।