जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे आज सुबह अचानक मुख्यमंत्री के अधिकारिक आवास वर्षा बंगले पर पहुंचे। इस पर उद्धव ठाकरे गुट से भी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। शिवसेना (उबाठा) के सांसद संजय राउत और उपनेता सुषमा अंधारे ने दोनों नेताओं के मुलाकात पर अपनी राय रखी।
‘उद्धव भी CM से मिल सकते हैं…’
राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि राज ठाकरे शायद गणेशोत्सव के लिए निमंत्रण देने सीएम फडणवीस से मिलने गए हों, या फिर राज्य के किसी गंभीर मुद्दे पर चर्चा करने गए हों। उन्होंने कहा, “फडणवीस के कार्यकाल में मुंबई दो दिन पानी में डूबी थी, राज्य के कई बड़े शहरों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी थी। शायद इस पर चर्चा करने राज वहां गए हो।” राउत ने यह भी स्पष्ट किया कि विपक्षी नेताओं का मुख्यमंत्री से मिलना कोई नई बात नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं या उद्धव ठाकरे को भी अगर किसी काम के लिए मुख्यमंत्री से मिलना होगा तो हम भी जाएंगे। इसमें कोई राजनीतिक अपराध नहीं है।“
बेस्ट क्रेडिट सोसायटी के चुनाव को लेकर राउत ने कहा कि इसे लेकर ज्यादा गंभीर होने की जरूरत नहीं है। यह चुनाव केवल एक बेस्ट एम्प्लॉईज को-ऑपरेटिव्ह क्रेडिट सोसायटी (BEST Election 2025) का था, जिसकी अहमियत बेस्ट डिपो तक ही सीमित है।
बता दें कि भाजपा के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) प्रसाद लाड ने इस चुनावों के लिए ‘सहकार समृद्धि’ पैनल बनाया था। सत्तारूढ़ महायुति का यह पैनल 7 सीटें जितने में कामयाब रहा। हालांकि यूनियन नेता शशांक राव के प्रतिद्वंद्वी पैनल ने सबसे ज़्यादा 14 सीटें जीतीं। भाजपा ने शशांक राव को अपना नेता बताया है। वहीं, दोनों ठाकरे भाइयों ने पहली बार भाजपा के खिलाफ मिलकर चुनाव लड़ा, लेकिन उनके ‘उत्कर्ष पैनल’ को एक भी सीट पर जीत नहीं मिल सकी।
‘राज ठाकरे पर कोई पाबंदी नहीं…’
वहीं, उद्धव ठाकरे गुट की उपनेता सुषमा अंधारे ने कहा, “राज ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस की मुलाकात को लेकर चिंता करने की जरुरत नहीं है। फडणवीस राज्य के मुख्यमंत्री है और मुख्यधारा के नेताओं से उनकी मुलाकात होती रहती है, इसलिए हर बार इसका अलग मतलब निकालने की जरूरत नहीं है। राज ठाकरे पर हमने कोई पाबंदी नहीं लगाई है कि वे किससे मिलें या न मिलें। हम उनसे यह सवाल नहीं पूछते कि आप फलां नेता से क्यों मिले।” हालांकि राज ठाकरे और फडणवीस की मुलाकात के पीछे असली वजह क्या है, इसका खुलासा फिलहाल नहीं हुआ है। लेकिन इस मुलाकात ने राज्य की राजनीति में नए समीकरणों की अटकलों को जरूर हवा दे दी है। ठाकरे और फडणवीस की मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब महाराष्ट्र में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए ठाकरे भाईयों के बीच संभावित गठबंधन की चर्चा जोरों पर है।