इस प्रोजेक्ट पर करीब 3000 करोड़ रुपए खर्च करेगा रीको
खास यह है कि यह राजस्थान का पहला औद्योगिक एरिया होगा जो पूरी तरह अभय कमांड के दायरे में रहेगा। रीको इस प्रोजेक्ट पर करीब 3000 करोड़ रुपए खर्च करेगा, जिसमें जमीन और डवलपमेंट लागत शामिल है। काम तीन फेज में पूरा होगा। पहले फेज में काम शुरू हो रहा है। इसे दिल्ली मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर (डीएमआइसी) के पास विकसित किया जा रहा है, ताकि दूसरे राज्यों से कनेक्टिविटी का फायदा मिलेगा। केन्द्र सरकार ने पिछले वर्ष बजट में इस इंडस्ट्रियल क्षेत्र को भी मंजूरी दी थी।20 हेक्टेयर से बड़े भू-खंड
भू-खंड क्षेत्रफल 4000 वर्गमीटर से लेकर 20 हेक्टेयर से ज्यादा के होंगे। इससे देश-विदेश के बड़े उद्योग यहां अपनी यूनिट लगा सकेंगे। इसके लिए कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआइआइ) सहित अन्य संस्थाओं से भी चर्चा होगी, ताकि बड़े निवेशकों को जल्द से जल्द लाया जा सके।
इन उद्योगों को लगेंगे पंख
डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग के नए उद्योग के साथ पुराने ऐसे उद्योगों का दायरा फैलेगा जो न सिर्फ राजस्थान बल्कि देश की औद्योगिक ताकत बढ़ाएंगे।2- टेक्सटाइल और गारमेंट उद्योग
3- सोलर पैनल और रिन्यूएबल एनर्जी इकाइयां
4- हेवी इंजीनियरिंग व मेटल इंडस्ट्री
5- हैंडीक्राफ़्ट और एक्सपोर्ट यूनिट्स
6- एग्रो एवं फूड प्रोसेसिंग
(इनके अलावा भी कई अन्य उद्योग होंगे)
वर्ल्ड क्लास सुविधाएं
1- बिजली, पानी, टेलीफोन और टेलीकॉम के लिए अलग डक्ट होगी।2- कचरा निस्तारण के लिए डक्ट सिस्टम।
3-अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सड़क व लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी।