Rajasthan: सांसद राजकुमार रोत का झालवाड़ में क्यों हुआ विरोध? किसने की पत्थरबाजी? ABVP पर गंभीर आरोप
Rajasthan News: राजस्थान के झालावाड़ जिले में 3 अगस्त 2025 को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर खंडिया कॉलोनी के भीलेश्वर महादेव परिसर में आयोजित सभा के दौरान बड़ा हंगामा हुआ।
Rajasthan News: राजस्थान के झालावाड़ जिले में 3 अगस्त 2025 को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर खंडिया कॉलोनी के भीलेश्वर महादेव परिसर में आयोजित सभा के दौरान बड़ा हंगामा हुआ। भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के सांसद राजकुमार रोत के आरक्षण पर दिए गए बयान को लेकर भील समाज के कुछ लोगों ने विरोध किया।
दरअसल, विरोध प्रदर्शन के दौरान स्थिति तब बिगड़ गई, जब प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर किया और कुछ लोगों को हिरासत में लिया। इस घटना में कुछ पुलिसकर्मियों को हल्की चोटें आईं और कई मोटरसाइकिल वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। सांसद रोत ने इस हंगामे के पीछे भारतीय जनता पार्टी (BJP) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) का हाथ होने का सनसनीखेज आरोप लगाया।
कैसे हुई हंगामे की शुरुआत?
सभा का आयोजन झालावाड़ में हाल ही में हुए स्कूल हादसे में मृत बच्चों के लिए न्याय की मांग और विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष्य में किया गया था। सभा में डूंगरपुर से BAP सांसद राजकुमार रोत, धरियावद विधायक थावर चंद डामोर, चौरासी विधायक अनिल कटारा और आदिवासी पार्टी के कांतीभाई आदिवासी मौजूद थे।
सभा के दौरान भील समाज विकास संस्थान के जिलाध्यक्ष और पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अरविंद भील अपने समर्थकों के साथ केसरिया झंडे लेकर पहुंचे। रोत के समर्थकों ने इसका विरोध करते हुए समाज का सफेद झंडा लाने को कहा, जिसके बाद दोनों पक्षों में बहस शुरू हो गई।
अरविंद भील के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी मंच की ओर बढ़े और रोत के खिलाफ नारेबाजी की। रोत ने दावा किया कि कुछ लोगों ने उन पर हमला करने की कोशिश की। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से झंडे नीचे करने और मंच पर बैठकर मनमुटाव सुलझाने की अपील की, लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं माने और नारेबाजी जारी रखी।
पुलिस पर कैसे हुई पत्थरबाजी?
जब पुलिस ने अरविंद भील को समझाने की कोशिश की और उन्हें सभा स्थल से एक तरफ ले गई तो उनके समर्थकों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। अरविंद ने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन कुछ लोगों ने पुलिस पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया, जिससे भगदड़ मच गई। पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज कर स्थिति को नियंत्रित किया।
इस दौरान कुछ पुलिसकर्मियों को चोटें आईं, और कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। कुछ प्रदर्शनकारी आसपास के घरों में घुस गए, जिन्हें पुलिस ने बाहर निकाला। अरविंद भील सहित कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया, जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया। झालावाड़ पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है और मामले की जांच की जा रही है। अरविंद भील के खिलाफ सार्वजनिक शांति भंग करने के आरोप में कार्रवाई शुरू की गई है।
बीजेपी-ABVP पर रोत के आरोप
घटना के बाद सांसद राजकुमार रोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बीजेपी और ABVP पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कुछ मीडिया चैनल इसे भील समाज के गुटों की आपसी भिड़ंत बता रहे हैं, जो पूरी तरह गलत है। रोत ने दावा किया कि बीजेपी और ABVP कार्यकर्ताओं ने भगवा झंडे लेकर सभा में हमला किया।
झालावाड़ स्कूल घटना में मृत छात्रों के साथ सरकार द्वारा अब तक न्याय नही करने के विरोध में आयोजित आक्रोश रैली में सम्मिलित हुए।
पीड़ित परिजनों के साथ सरकार ने अन्यायपूर्ण रवैया अपनाया है। सरकार ने पीड़ितों को न्याय देने के बजाए दबाने का प्रयास किया और डरा-धमकाकर दाह संस्कार करवा… pic.twitter.com/h0GEXuiAjQ
उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता स्कूल हादसे में मरे बच्चों को न्याय नहीं देना चाहते, लेकिन जो लोग न्याय की आवाज उठाते हैं, उनके खिलाफ भगवा धारण कर गुंडागर्दी करते हैं। यह भील समाज के गुटों की नहीं, बल्कि बीजेपी कार्यकर्ताओं और भील समाज के बीच भिड़ंत थी।
रोत ने बीजेपी पर संगठित हंगामा करवाने का आरोप लगाते हुए कहा कि विरोध करने वाले लोग मानसिक रूप से कमजोर थे और उन्हें उकसाया गया। उन्होंने 2016 की एक घटना का जिक्र किया, जब उन पर हमला हुआ था, लेकिन हमलावर आज उनके साथ हैं। उन्होंने दावा किया कि आज के प्रदर्शनकारी भी भविष्य में उनके साथ होंगे।
झालावाड़ स्कूल हादसे पर सरकार को घेरा
सांसद रोत ने झालावाड़ में हाल ही में हुए स्कूल हादसे पर भी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार ने मृतक बच्चों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की, लेकिन यह केवल औपचारिकता थी। उन्होंने आरोप लगाया कि अंतिम संस्कार के दौरान माता-पिता को शामिल नहीं होने दिया गया, जबकि विमान हादसों में 1 करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाता है। रोत ने कहा कि समाज के बच्चों के लिए अभी तक कोई ठोस सहायता नहीं दी गई। सरकार केवल ड्रामा कर रही है।
यहां देखें वीडियो-
क्या थी सभा की प्रमुख मांगें?
सभा में रोत और उनके समर्थकों ने निम्नलिखित मांगें उठाईं थी। मृतक बच्चों के परिवारों को 1-1 करोड़ रुपये मुआवजा, प्रत्येक परिवार को 10-10 बीघा जमीन, मृतक परिवारों के एक सदस्य को स्थाई सरकारी नौकरी, मृतक बच्चों के नाम पर स्कूल के कमरों का नामकरण, घायल परिवारों को 50-50 लाख रुपये मुआवजा, दोषियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा, वहीं, मिनी सचिवालय में टाइल्स गिरने से घायल चेतन को आर्थिक सहायता सहित कई मांगे थी।
सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम
इस घटना के बाद सांसद राजकुमार रोत ने सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो झालावाड़ में बड़ा आंदोलन होगा। उन्होंने गोदी मीडिया पर भील समाज को बदनाम करने और बीजेपी की साजिश को छिपाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष जांच हो, वरना आदिवासी समाज उग्र प्रदर्शन करेगा।
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