आज भूमिपूजन की चौथी वर्षगांठ
आज भूमिपूजन की चौथी वर्षगांठ है। अगर इस पर नजर डालें तो 2020 से 2024 के बीच अयोध्या में सिर्फ श्रद्धालुओं की आमद ही नहीं बढ़ी, बल्कि शहर की अर्थव्यवस्था और पर्यटन ढांचे ने भी नए कीर्तिमान स्थापित किए। 2020 से 24 तक श्रद्धालुओं की संख्या में 24 गुना तक वृद्धि दर्ज की गई।
धार्मिक पर्यटन में अयोध्या के बाद आगरा दूसरे नंबर पर
धार्मिक पर्यटन में अयोध्या के बाद आगरा दूसरा सबसे बड़ा केंद्र बनकर उभरा। यहां 2024 में 12 करोड़ से अधिक श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचे। इसके बाद मथुरा (6.8 करोड़) और प्रयागराज (4.8 करोड़) प्रमुख धार्मिक स्थलों में शामिल रहे। बता दें कि 2020 में अयोध्या में करीब 61 लाख श्रद्धालु आए थे। 2024 में यह संख्या बढ़कर 16 करोड़ हो गई।
यूपी में पर्यटकों की संख्या में 16 करोड़ से अधिक की जबरदस्त वृद्धि
राज्य पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2023 में उत्तर प्रदेश में कुल 48,07,91,107 पर्यटक आए। वहीं वर्ष 2024 में अब तक यह संख्या 64,90,76,213 तक पहुंच गई है। इसका मतलब है कि राज्य में पर्यटकों की संख्या में 16,82,99,042 की जबरदस्त वृद्धि हुई है। विदेशी पर्यटकों की संख्या भी बढ़कर 22,098 से 1,60,193 हो गई है।
जानें क्या कहते हैं आंकड़ें
पर्यटन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, अयोध्या और काशी जैसे धार्मिक स्थलों पर जबरदस्त भीड़ देखी गई है। खासकर राम मंदिर के उद्घाटन के बाद अयोध्या में पर्यटकों की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है। आंकड़े बताते हैं कि 2024 में अयोध्या में 1,64,41,59,522 पर्यटक पहुंचे, जो 2023 की संख्या 5,75,70,896 से तीन गुना अधिक है। पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने बताया, “वाराणसी और मथुरा राज्य के पर्यटन में अहम भूमिका निभा रहे हैं।” वाराणसी में 2023 में 5,71,09,975 पर्यटक आए, जो 2024 में बढ़कर 6,12,80,615 हो गए। वहीं मथुरा में यह संख्या 2,91,51,429 से बढ़कर 3,60,88,561 हो गई। उन्होंने यह भी बताया कि प्रयागराज, चित्रकूट, कुशीनगर और मिर्जापुर जैसे अन्य धार्मिक स्थल भी पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। प्रयागराज में 2,66,20,654, चित्रकूट में 1,17,48,104, कुशीनगर में 1,46,36,216 और मिर्जापुर में 26,048 पर्यटक आए।