राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से औद्योगिक इकाइयों के लिए कंसेंट टू ऑपरेट नवीनीकरण की ऑनलाइन प्रणाली शुरू की है। इसमें ग्रीन व ऑरेंज श्रेणी की वे इकाइयों कंसेंट ले सकेंगी, जिन्होंने अनापत्ति शर्तों का पूरा पालन किया है। जिनके विरुद्ध कोई शिकायत लंबित नहीं है। जिन्होंने किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया है। इस प्रणाली के लिए इकाइयों के आवेदन पिछली कंसेंट टू ऑपरेट समाप्त होने से पहले करना होगा। उसकी अवधि समाप्त होने के बाद उनको पुरानी प्रक्रिया से ही कंसेंट लेनी होगी।
इन दस्तावेजों की होगी जरूरत
पिछले कंसेंट टू ऑपरेट की प्रतिलिपि। स्वयं के हस्ताक्षर वाली अनुपालन रिपोर्ट। ऑनलाइन भुगतान रसीद। इस तरह कर सकते हैं आवेदन
इकाई संचालकों को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ऑनलाइन कंसेंट मैनेजमेंट सिस्टम (ओसीएमएमएस) पर लॉगिंग करना होगा। उसमे ऑटो रिनिवल का विकल्प चुनना होगा। इसके बाद पूर्व सहमति सीटीओ के अनुसार यूनिट की स्थिति, प्रदूषण नियंत्रण उपायों और उत्पादन क्षमता का विवरण भरना होगा। इसके साथ पिछली सहमति की प्रति, अनुपालन रिपोर्ट व शुल्क रसीद लगानी होगी। इसके बाद सिस्टम खुद ही सहमति पत्र जारी करेगा।
उद्योगों में ये होती ग्रीन व ऑरेंज श्रेणी
ग्रीन श्रेणी: इसमे वे इकाइयां आती है, जो पर्यावरण को बहुत कम नुकसान पहुंचाती है। उनसे प्रदूषण नहीं की बराबर होता है। जैसे अगरबत्ती निर्माण, आटा चक्की, बिना रसायन वाली पैकेजिंग यूनिट, सिलाई-बुनाई की यूनिट, बिना केमिकल उपयोग वाला लकड़ी फर्नीचर निर्माण आदि। ऑरेंज श्रेणी: इन इकाइयों से मध्यम स्तर का प्रदूषण होता है। इनमें फूड प्रोसेसिंग, केमिकल कोटिंग के साथ फर्नीचर निर्माण, गारमेंट डाइंग यूनिट, बड़े स्तर पर वॉशिंग व ड्रायक्लीनिंग आदि।
हमारी ओर से की थी मांग
लघु उद्योग भारती की ओर से कंसेंट टू ऑपरेट का कार्य ऑनलाइन करने की मांग की थी। उस पर अब ग्रीन व ऑरेंट श्रेणी की इकाइयों के लिए यह स्वीकृति प्रदान की है। इससे उद्योगों को लाभ होगा। विनय बम्ब, संयुक्त सचिव, उद्यु उद्योग भारती, राजस्थान
सभी शर्ते ठीक होने पर होगा ऑटो रिनिवल
जिन इकाइयों की कोई शिकायत नहीं है। वे ऑटो रिनिवल कंसेंट ले सकते है। यदि किसी की शिकायत है तो कंसेंट देने से पहले उन इकाइयों का निरीक्षण किया जाएगा। अमित सोनी, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण मंडल, पाली