हनुमान प्रसाद के इकलौते बेटे दीपक की बारात सोमवार को मेड़ता रवाना होनी थी। पूरे घर में उत्सव का माहौल था, बिंदोरी की धुनें बज रही थीं और परिजन रस्मों की तैयारी में व्यस्त थे। लेकिन जैसे ही हादसे की सूचना परिवार को मिली, हर चेहरा स्तब्ध रह गया। हालांकि, बेटे दीपक को पूरी घटना की जानकारी नहीं दी गई। उसे सिर्फ यह बताया गया कि पिता अस्पताल में भर्ती हैं।
परिवार ने सामाजिक परंपराओं के बीच संतुलन रखते हुए केवल 10-12 नजदीकी रिश्तेदारों के साथ शादी की रस्में सादगी से पूरी कीं। दीपक की शादी तो हुई, लेकिन पिता की गैरमौजूदगी ने हर रिवाज़ को गमगीन बना दिया।
दर्शन जोशी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि हनुमान प्रसाद कराड़ी गांव में शादी का न्योता देने जा रहे थे। रास्ते में उन्होंने रेलवे ट्रैक पर बैठी गाय को हटाने के लिए स्कूटी रोकीए लेकिन तभी तेज रफ्तार मालगाड़ी ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। मौके पर ही उनकी मौत हो गई। हनुमान प्रसाद तीन बेटियों और एक बेटे के पिता थे। वह बेटे की शादी को लेकर बेहद उत्साहित थे और हाल ही में बिंदोरी में नाचते हुए भी देखे गए थे। मंगलवार को गांव में उनके अंतिम संस्कार के साथ ही हर घर में चूल्हा नहीं जला और पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई।