19 वर्षीय छात्र, 20 वर्षीय छात्रा
पुलिस के अनुसार, पहला मामला हैदराबाद के एक 19 वर्षीय छात्र का है, जो अपने किराए के कमरे में मृत पाया गया। प्रारंभिक जांच में पता चला कि उसने नीट परीक्षा के बाद अपने दोस्तों से असफलता की आशंका जताई थी। दूसरा मामला वारंगल का है, जहां एक 20 वर्षीय छात्रा ने अपने घर में आत्महत्या कर ली। उसके परिवार ने बताया कि वह पिछले कुछ महीनों से तनाव में थी और परीक्षा के दबाव को संभाल नहीं पा रही थी।
मेन्टल हेल्थ पर चिंता
शिक्षा विशेषज्ञों और मनोवैज्ञानिकों ने नीट और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के दबाव को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया है। हैदराबाद के एक मनोवैज्ञानिक डॉ. रमेश कुमार ने कहा, “छात्रों पर सफलता का इतना दबाव है कि वे असफलता को जिंदगी का अंत मान लेते हैं। हमें स्कूलों और कोचिंग सेंटरों में काउंसलिंग को अनिवार्य करना होगा।”
सरकार और NTA की प्रतिक्रिया
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने नीट 2025 के आयोजन के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए थे, लेकिन छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की कमी को लेकर आलोचना हो रही है। तेलंगाना सरकार ने इस घटना पर दुख जताते हुए कहा कि वह कोचिंग सेंटरों में मानसिक स्वास्थ्य सहायता बढ़ाने के लिए कदम उठाएगी।