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प्राचार्य से मिली हिम्मत तो इंसाफ के लिए लड़ी दामिनी, कोर्ट में बयान होने तक घर में शरण

स्कूल प्राचार्य की संवेदनशीलता व साहस ने पीडि़ताओं को दिलाया न्याय, छात्रा से दुष्कर्म को लेकर प्राचार्य की रिपोर्ट पर दर्ज होने वाला पहला मामला, प्राचार्य ने दोनों पीडि़ताओं को कोर्ट में बयान होने तक कई माह अपने घर में भी दी थी शरण

हनुमानगढ़May 24, 2025 / 10:46 am

adrish khan

Damini fought for justice after getting courage from the principal, took shelter in the house till her statement was given in the court

Damini fought for justice after getting courage from the principal, took shelter in the house till her statement was given in the court

अदरीस खान @ हनुमानगढ़. जिस उम्र में आकाश छूने के ख्वाब आंखों में पलते हों, तब कोई दुष्कर्म की आग से सपनों को जला डाले तो जिंदगी का क्या हश्र होगा। सिर पर पिता का साया नहीं और दो वक्त की रोटी के लिए जूझना पड़ता हो, तो इंसाफ की लड़ाई कोई कैसे लड़े। यह हालात थे बलात्कार का शिकार हुई दो नाबालिग बहनों के। माता से ना जाने क्यों, अपनी पीड़ा कहने में उनको हिचकिचाहट थी। वे सोचती कि किससे अपना दर्द बांटे, किसके सहारे न्याय की गुहार लगाए।
पीडि़ताओं के लिए फरिश्ता बनी, उनकी अध्यापिकाएं। जिन्होंने बालिकाओं के गुमशुम रहने और व्यवहार में आए बदलाव को पहचाना। स्नेह और अपनत्व से पुचकारा तो पीडि़ताओं की सारी पीड़ा शब्द बनकर फूट पड़ी। अध्यापिकाओं और प्राचार्य ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेकर सही मायनों में अभिभावक की भूमिका निभाते हुए दोनों बालिकाओं को यकीन दिलाया कि उनकी लड़ाई में हम सब साथ हैं। इसके बाद जिले और संभवत: प्रदेश का पहला मामला दर्ज हुआ जिसमें स्कूल प्राचार्य ने पीडि़ताओं के साथ पहुंच थाने में रिपोर्ट दी। पोक्सो कोर्ट हनुमानगढ़ ने शुक्रवार को दुष्कर्म के दोषी को 20 साल कारावास की सजा सुनाई।

शरण व हौसला

प्राचार्य ने ना केवल प्रकरण को पुलिस तक पहुंचाया बल्कि कानूनी लड़ाई के दौरान पीडि़ताओं को दबाव मुक्त रखने के लिए उनको अपने घर में शरण दी। कोर्ट से दोनों पीडि़ताओं की कस्टडी अभिभावक के तौर पर प्राचार्य को मिली। नौ मार्च 2021 को मामला दर्ज होने के बाद कोर्ट में पीडि़ताओं के बयान होने तक कई माह उनको प्राचार्य ने अपने घर पर रखा। इस दौरान प्राचार्य व उनके परिजनों ने कई तरह के दबाव झेले और बातें सुनी। मगर सत्य की राह से डिगे नहीं।

पत्रिका ने निभाई जिम्मेदारी

इस प्रकरण में समाचार प्रकाशन से इतर राजस्थान पत्रिका ने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी भी निभाई। स्कूल प्राचार्य के थाने में रिपोर्ट देने के बावजूद पुलिस ने मामला दर्ज करने में विलम्ब किया। पीडि़ताओं पर दबाव डाला जा रहा था कि मामला दर्ज नहीं हो सके। प्राचार्य व कुछ नागरिकों ने पत्रिका प्रतिनिधि तक यह बात पहुंचाई। पत्रिका प्रतिनिधि ने तत्कालीन एसपी प्रीति जैन को वस्तुस्थिति से अवगत कराया। एसपी ने संवेदनशीलता दिखाते हुए तत्काल मामला दर्ज करने को कहा।

पीडि़ताओं का बदला जीवन

आरोपी की गिरफ्तारी से पीडि़ताओं में हौसला आया तथा जीवन में आगे बढऩे की प्रेरणा मिली। एक पीडि़ता शिक्षा ग्रहण कर सुनहरे भविष्य की तैयारियों में जुटी है तथा दूसरी सुखी जीवन जी रही है।

दोषी को 20 साल कारावास

इस मामले में विशिष्ट न्यायालय पोक्सो प्रकरण हनुमानगढ़ ने शुक्रवार को नाबालिग बहनों से बलात्कार के दो अलग-अलग प्रकरणों में प्रौढ़ को दोषी ठहराया। उसको दोनों प्रकरणों में 20 साल कठोर कारावास तथा कुल एक लाख 80 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया गया। विशिष्ट लोक अभियोजक सम्पतलाल गुप्ता ने बताया कि नौ मार्च 2021 को पीडि़ता ने पुलिस को बताया कि इब्राहिम (48) निवासी वार्ड 24 पीलीबंगा तीन-चार साल पहले उसके परिजन के साथ घर आया था। उसके बाद से आरोपी का उनके घर आना-जाना हो गया। आरोपी एक दिन उसे बहलाकर गाड़ी में बिठाकर अपने घर ले गया तथा बलात्कार किया। उसके बाद जब भी घर पर अकेली होती तो आरोपी आ जाता तथा दुष्कर्म करता। आरोपी उसकी छोटी बहन पर भी बुरी नजर रखने लगा। सात मार्च को मेरी माता रिश्तेदारी में गई हुई थी। आरोपी रात को घर आया तथा छोटी बहन से बलात्कार किया। पुलिस ने इस संबंध में दो अलग-अलग मामले दर्ज कर आरोपी के खिलाफ चालान पेश किया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने उसे सजा सुनाई।

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