सात प्रमुख स्टेशनों वाला होगा यह रूट
रेल मंत्रालय की निर्माण शाखा और रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) की ओर से साझा रूप से दी गई जानकारी के मुताबिक, इस कॉरिडोर पर कुल सात एलिवेटेड स्टेशन बनाए जाएंगे। प्रस्तावित रूट में साकेत जी ब्लॉक, पुष्प विहार, साकेत जिला केंद्र, पुष्प भवन, चिराग दिल्ली, ग्रेटर कैलाश-1 (GK-1), एंड्रूज गंज और लाजपत नगर स्टेशन शामिल होंगे। इस मेट्रो कॉरिडोर पर एलिवेटेड वायडक्ट का निर्माण किया जाएगा। साथ ही सभी सातों स्टेशनों को भी एलिवेटेड प्लेटफॉर्म के रूप में विकसित किया जाएगा।
447 करोड़ की लागत, छोटी ट्रेनों का इस्तेमाल
इस परियोजना की अनुमानित लागत 447.42 करोड़ रुपये बताई गई है। खास बात यह है कि इस रूट पर तीन कोच वाली छोटी मेट्रो ट्रेनें चलेंगी। एक कोच में लगभग 300 यात्री बैठ सकेंगे। इस वजह से स्टेशन भी छोटे आकार के होंगे – सिर्फ 74 मीटर लंबे, जबकि सामान्य मेट्रो स्टेशनों की तुलना में ये छोटे होंगे, जिससे निर्माण लागत और समय दोनों कम होंगे। भविष्य में इन स्टेशनों का रख-रखाव भी अपेक्षाकृत आसान और सस्ता होगा।
पहली बार दिल्ली मेट्रो में RVNL को जिम्मेदारी
इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) को सौंपी गई है, जो रेल मंत्रालय के अधीन कार्य करने वाला एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (PSU) है। यह पहली बार है जब दिल्ली मेट्रो का कोई प्रोजेक्ट RVNL को सौंपा गया है। अब तक RVNL देश के 8 शहरों में मेट्रो परियोजनाओं पर काम कर रहा है।
दिल्ली को मिलेगा भविष्य के लिए तैयार परिवहन ढांचा
RVNL के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक प्रदीप गौड़ ने बताया, “दिल्ली में भविष्य के लिए तैयार शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर में योगदान देने का यह एक महत्वपूर्ण अवसर है। हम इस परियोजना को उत्कृष्टता, सुरक्षा और नवाचार के साथ पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह प्रोजेक्ट DMRC (दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन) की विश्व स्तरीय शहरी परिवहन प्रणाली बनाने की सोच के साथ मेल खाता है।” गौर ने यह भी बताया कि भले ही यह दिल्ली में RVNL का पहला प्रोजेक्ट है, लेकिन देश के कई हिस्सों में उनकी टीम पहले से ही मेट्रो कॉरिडोर पर सक्रिय है। उन्होंने आश्वासन दिया कि यह प्रोजेक्ट न केवल तय समयसीमा में पूरा किया जाएगा, बल्कि यह राजधानी के यात्रियों के लिए एक सुविधाजनक, पर्यावरण-अनुकूल और टिकाऊ समाधान प्रदान करेगा।