सुविधा बनाम शरारत जहानाबाद के एक अधिकारी ने कहा कि साइबर थाने की पुलिस पता लगाएगी कि ऑनलाइन आवेदन कहां से भरा गया। लोगों को ऑनलाइन फॉर्म भरने की सुविधा इसलिए दी गई है कि उनका काम आसान हो जाए, लेकिन सुविधा के नाम पर कई लोग शरारत से बाज नहीं आ रहे हैं। यह सरकारी कर्मियों को परेशान करने और कामकाज में बाधा डालने का मामला है।
‘ट्रैक्टर’ भी नहीं चूका पटना में श्वान के आवास प्रमाण पत्र के लिए मिले आवेदन में नाम ‘डॉग बाबू’ था, जबकि पिता का नाम ‘कुत्ता बाबू’ और माता का नाम ‘कुतिया देवी’ था। इस मामले में मसौढ़ी अंचल के कार्यपालक सहायक मिंटू कुमार निराला को बर्खास्त कर दिया गया। मोतिहारी के कोटवा अंचल कार्यालय में ‘ट्रैक्टर’ का आवास प्रमाण पत्र बन गया था।