दिल्ली के मेयर राजा इकबाल सिंह ने कहा “आज हमने मिलकर निरीक्षण किया है। इसमें दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा और सांसद रामवीर बिधूड़ी जी भी शामिल रहे हैं। हमने ये देखा कि यहां काम कैसा चल रहा है। हमने दिल्ली की जनता से एक वादा किया था। इसमें कहा था कि हम पूरी दिल्ली को स्वच्छ और सुंदर बनाएंगे। इसके लिए सीएम रेखा गुप्ता के निर्देशन में तेजी से काम चल रहा है। हम दिल्ली के सभी नालों की डी-सिल्टिंग कर रहे हैं। सीएम रेखा गुप्ता खुद सड़कों पर जाती हैं। उनके साथ पूरा मंत्रिमण्डल विभिन्न साइटों की निगरानी में लगा है। हमने दिल्ली की जनता से कूड़े के पहाड़ को खत्म करने का वादा किया था। आज हमने देखा कि हम इस वादे के लिए कहां खड़े हैं? क्योंकि हमारी जनता के सामने जवाबदेही है।”
भाजपा नेताओं ने ओखला लैंडफिल का किया दौरा
दिल्ली के मेयर ने आगे कहा “आज बहुत संतुष्ट होकर यहां से जा रहे हैं। हमने कर्मचारियों को आदेश भी दिया है कि आप लोग काम अच्छा कर रहे हैं। थोड़ी स्पीड बढ़ाकर इसे जल्दी ही निपटाने का प्रयास करें। इसके साथ ही मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने नगर निगम अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। हम जो भी बेहतर कर सकते हैं। जनता अपने सुझाव दे सकती है। मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा इस काम को स्वयं देखने आए। इसके लिए मैं इनका धन्यवाद करता हूं।”
उन्होंने आगे कहा “ये कूड़े का पहाड़ पाकिस्तान के आतंकवाद जैसा ही है। पाकिस्तान आतंकवाद फैलाता है। ये गंदगी फैलाता है। क्योंकि कूड़े के पहाड़ के पास जितनी भी कॉलोनियां हैं। वहां भीषण गंदगी और बदबू ने लोगों को बेहाल कर रखा है। हम ये चाहते हैं कि इस पहाड़ को खत्म करके इसे पार्क के रूप में विकसित किया जाए। ताकि लोगों को विश्वास हो कि वे देश की राष्ट्रीय राजधानी में रह रहे हैं।”
मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने क्या कहा?
ओखला लैंडफिल साइट का दौरा करने बाद दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली को स्वच्छ और सुंदर बनाने का संकल्प लिया है और उसी दिशा में हम यह सुनिश्चित करने आए हैं कि कचरा निपटान की योजनाएं प्रभावी रूप से लागू हो रही हैं। हम इस कचरे के पहाड़ को व्यवस्थित, प्रभावशाली और टिकाऊ तरीके से हटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह प्रयास मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में जारी है।” सिरसा ने लैंडफिल के भविष्य को लेकर कहा, “जैसे एक समय में धरती से डायनासोर विलुप्त हो गए थे, उसी तरह ये कचरे के पहाड़ भी जल्द ही दिल्ली से मिट जाएंगे। यह प्रधानमंत्री मोदी का विजन है, जिसे मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता आगे बढ़ा रही हैं। हमारा लक्ष्य है कि अक्टूबर 2025 तक यहां से 20 लाख मीट्रिक टन पुराना कचरा पूरी तरह हटा दिया जाए। इसके बाद यह विशाल कचरे का पहाड़ लगभग खत्म हो जाएगा। हम 2028 तक दिल्ली के सभी लैंडफिल को पूरी तरह समाप्त करने के लिए कार्यरत हैं। भविष्य में ये केवल तस्वीरों में ही दिखेंगे।”
भाजपा पर क्यों भड़की आम आदमी पार्टी?
एक ओर जहां ओखला लैंडफिल साइट का निरीक्षण करने के बाद भाजपा नेता दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने का दावा कर रहे थे। वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी यमुना में बढ़े प्रदूषण को लेकर भाजपा पर भड़क गई है। गुरुवार को ‘आप’ ने DPCC (दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया है कि यमुना का जल अब तक के सबसे प्रदूषित स्तर पर पहुंच गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, यमुना के पानी में BOD का स्तर मानक से 42 गुना अधिक है। AAP ने अपने सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर लिखा है “यमुना नदी का पानी अत्यधिक प्रदूषित हो चुका है और जैविक ऑक्सीजन की मांग खतरे के स्तर से कई गुना ऊपर है।” विशेषज्ञों के अनुसार, यह स्थिति नदी में जल प्रवाह की कमी और सीवेज ट्रीटमेंट की अव्यवस्थित व्यवस्था के कारण उत्पन्न हुई है। इससे न केवल यमुना की स्थिति और खराब हुई है, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी यह गंभीर चिंता का विषय बन गई है।
विधानसभा चुनाव में बना था बड़ा मुद्दा
दरअसल, दिल्ली विधानसभा चुनाव की शुरुआत में यमुना की सफाई बड़ा चुनावी मुद्दा बना था। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आम आदमी पार्टी (AAP) पर इस मुद्दे को लेकर विफलताओं का आरोप लगाया था। साथ ही सरकार बनने पर यमुना की सफाई का वादा किया था। इसका असर विधानसभा चुनाव में तब देखने को मिला। जब दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 42 भाजपा के खाते में आईं और आम आदमी पार्टी को सिर्फ 28 सीटों पर जीत मिली। चुनाव के बाद रेखा सरकार ने यमुना रिवर फ्रंट और नदी की तेजी से सफाई अभियान शुरू कर यह संदेश दिया कि भाजपा सरकार पिछली सरकार की तुलना में अधिक गंभीर है। अब आम आदमी पार्टी ने यमुना नदी के BOD (Biological Oxygen Demand) स्तर को आधार बनाकर दिल्ली सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। पार्टी का कहना है कि यमुना सफाई अभियान केवल एक दिखावा है और असल में जमीनी हालात बेहद चिंताजनक हैं।