चर्चा है कि पार्टी के भीतर महिला नेतृत्व की दिशा में आम सहमति बन गई है। पार्टी अब महिला नेता को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर सशक्त संदेश देना चाहती है। इससे भाजपा के महिला सशक्तिकरण नारे को बल मिलेगा। साथ ही, आगामी लोकसभा परिसीमन लागू होने के बाद 33 फीसदी महिला आरक्षण के मद्देनजर एक बड़ा रणनीतिक कदम होगा।
कौन-कौन नाम रेस में है आगे
- निर्मला सीतारमण: अध्यक्ष पद की रेस में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का नाम सबसे आगे चल रहा है। निर्मला ने हाल ही में बीजेपी दफ्तर में जेपी नड्डा और संगठन महासचिव बीएल संतोष के साथ उच्च स्तरीय बैठक की थी। उनके अनुभव, नेतृत्व क्षमता और दक्षिण भारत में
- डी पुरंदेश्वरी: डी पुरंदेश्वरी का नाम भी अध्यक्ष पद की रेस में चल रहा है। डी पुरंदेश्वरी पूर्व में कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं। वह आंध्र प्रदेश की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। पुरंदेश्वरी बहुभाषी नेता हैं। वह विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ काम करने का अनुभव रखती हैं। वह ऑपरेशन सिंदूर जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रतिनिधि मंडल का हिस्सा रही हैं।
- वानती श्रीनिवासन: वानती श्रीनिवासन तमिलनाडु के कोयंबटूर साउथ से विधानसभा सदस्य हैं। वह भाजपा की दक्षिण भारत का एक और प्रमुख नाम हैं। वानती 2020 से भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और 2022 में भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की सदस्य बनीं। वह ऐसा करने वाली पहली तमिल महिला हैं।
- स्मृति ईरानी: अध्यक्ष पद की रेस में स्मृति ईरानी का नाम भी चल रहा है। स्मृति शिक्षा व टेक्सटाइटल विभागों की कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं। उन्होंने साल 2019 में अमेठी की सीट से कांग्रेस नेता व पूर्व अध्यक्ष को हरा दिया था। ईरानी शाह और मोदी की गुड बुक्स में शामिल होने वाली महिला नेता मानी जाती हैं।
संघ क्या चाहता है?
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर हरी झंडी दे दी है। संघ का भी मानना है कि इससे पार्टी को लेकर एक सकारात्मक संदेश जाएगा। महिला वोटर करीब आएंगी। आधी आबादी चुनाव में निर्णायक भूमिका अदा करती हैं।