जानकारी के मुताबिक, बच्चा बिहार के किशनगंज जिले का रहने वाला है। बच्चे ने पुलिस को बताया कि उसे झूठ बोलकर नौकरी पर रखा गया था। उसे हर महीने 10 हजार रुपये वेतन देने का वादा किया गया था, लेकिन इसके बजाय उसे एक कमरे में बंद कर दिया गया।
चारा काटने वाली मशीन से कटा हाथ
उसने बताया कि काम कराने वालों ने वेतन के साथ साथ भोजन-पानी तक नहीं दिया। उससे मोटर से चलने वाली चारा काटने की मशीन चलवाई गई, जिससे उसे चोट लगी और उसका हाथ कट गया। बच्चा किसी तरह से वहां भाग निकला। वह पैदल ही बिहार के लिए निकल पड़ा था। जब नूह जिले में पहुंचा तो दो सरकारी शिक्षकों की नजर उसपर पड़ी। पूछताछ के बाद उन्होंने बच्चे को पुलिस के हवाले कर दिया।
एक शिक्षक ने बताया कि वह बारिश में सड़क पर नंगे पांव चल रहा था। उसे देखने से ऐसा लग रहा था कि वह काफी दिनों से कुछ खाया न हो। वह काफी कमजोर लग रहा था। इसके बाद, शिक्षकों ने उसे भोजन कराकर पुलिस को सौंप दिया।
पुलिस स्टेशन में बच्चे को दिए गए कपड़े
पुलिस स्टेशन में अधिकारी ने बच्चे को पड़े दिए। इसके बाद उसके इलाज की व्यवस्था भी की। इलाज करने वाले डॉक्टरों ने जानकारी दी कि चोट दो हफ्ते पुरानी है। उसके हाथ पर लगी कच्ची पट्टी से पता चलता था कि कई दिनों से उस पर कोई अच्छी पट्टी नहीं बांधी गई थी। अब पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। इसके साथ, बच्चे को सारी कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद वापस उसके घर भेजने की भी तैयारी कर रही है।