Aadhaar Card Scam रोकने के लिए UIDAI ने नियम बदल दिए हैं। (प्रतीकात्मक फोटो)
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने Aadhaar Nomination and Verification Process के नियमों में बड़े बदलाव किए हैं। इसके तहत अब एक व्यक्ति के 1 से ज्यादा Aadhaar Number रखने की स्थिति में केवल वह नंबर वैध माना जाएगा, जो सबसे पहले जारी किया गया है और जिसमें व्यक्ति की बॉयोमीट्रिक जानकारी दर्ज है। अगर ऐसे किसी भी Aadhaar Number में बॉयोमीट्रिक जानकारी नहीं है तो सबसे हाल में जारी हुआ नंबर ही Valid रहेगा और बाकी सभी को अमान्य कर दिया जाएगा। यह फैसला फर्जीवाड़े और दोहरे नॉमिनेशन को रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
नए नियमों के तहत नॉमिनेशन और वेरिफिकेशन के लिए जरूरी दस्तावेजों की सूची भी बदली गई है। इन दस्तावेजों को 3 श्रेणियों में बांटा गया है: 1- पहचान प्रमाण (Proof of Identity) : जिन दस्तावेजों में व्यक्ति का नाम और फोटो लगा होता है- जैसे पासपोर्ट, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि।
2- घर के पते का प्रमाण (Proof of Address) : जैसे बिजली बिल, पानी का बिल, बैंक पासबुक, गैस कनेक्शन आदि। 3- डेट ऑफ बर्थ का प्रमाण (Proof of Date of Birth – PDB) : जैसे जन्म प्रमाणपत्र, स्कूल का प्रमाणपत्र, सरकारी अस्पताल द्वारा जारी दस्तावेज आदि।
5 साल के बच्चे के आधार के लिए भी बदले नियम
इसके अलावा 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए Head of Family आधारित Aadhaar Nomination System को अनिवार्य बनाया गया है। इस प्रक्रिया के तहत माता या पिता में से कोई भी Head of Family बन सकता है, बशर्ते उसके पास Valid Aadhaar हो और बॉयोमीट्रिक प्रमाणीकरण कर सके।
प्रवासी और विदेशी नागरिकों के लिए क्या हैं नियम
UIDAI ने नियमों में प्रवासी भारतीय नागरिक (OCI Card holder), नेपाल और भूटान के नागरिकों और अन्य विदेशी के लिए दस्तावेजों की अलग सूची तैयार की गई है। इनमें Passport, Valid Visa और दूसरे पहचान पत्र शामिल हैं। प्रवासी नागरिकों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों की वैलिडिटी वीजा की वैधता तक ही सीमित होगी। हालांकि, नेपाल और भूटान के नागरिकों के आधार की वैधता 1 साल तक मान्य रहेगी।
नियमों में बदलाव की खास बातें
1- जन्म प्रमाणपत्र अब NRI और OCI बच्चों के लिए अनिवार्य है, खासकर 1 अक्टूबर 2023 के बाद जन्मे बच्चों के लिए। 2- नाम, पते और डेट ऑफ बर्थ में बदलाव के लिए भी स्पष्ट दिशा-निर्देश और जरूरी दस्तावेज तय किए गए हैं।
3- बायोमेट्रिक या डेमोग्राफिक डेटा में गड़बड़ी की स्थिति में सेल्फ वेरिफिकेशन लेटर और प्रमाणपत्रों के आधार पर बदलाव की सुविधा दी गई है।