एयरलाइन ने बताया हवा में जैसे ही थाई नागरिक को प्रसव पीड़ा शुरू हुई, चालक दल ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। जन्म के लिए एक सुरक्षित और संवेदनशील वातावरण सुनिश्चित करने के लिए अपने कठोर प्रशिक्षण का उपयोग किया।
बयान में कहा गया है कि चालक दल ने अद्भुत सूझबूझ और धैर्य का परिचय देते हुए प्रसव के दौरान अतिथि का साथ दिया। इसके बाद पायलटों ने तुरंत एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) को सूचित किया। उन्होंने मुंबई में प्राथमिकता लैंडिंग का अनुरोध किया, जहां चिकित्सा दल और एक एम्बुलेंस पहुंचते ही तैयार थे।
लैंडिंग के बाद, मां और बच्चे दोनों को आगे की देखभाल के लिए तुरंत पास के एक अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया। अब सबके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि हवा में बच्चा पैदा हुआ तो उसकी नागरिकता किस आधार पर तय होगी? तो आइये इसके बार में हम विस्तार से जानते हैं।
बता दें कि फ्लाइट में जो बच्चे पैदा होते हैं, उनकी नागरिकता को लेकर अब तक कोई विशेष कानून नहीं बनाए गए हैं। ज्यादातर देश माता-पिता की राष्ट्रीयता के आधार पर नागरिकता तय करते हैं। मगर कुछ देश, विमान के रजिस्ट्रेशन के आधार पर भी नागरिकता तय करते हैं। विमान को उस देश की जमीन माना जाता है, जहां से वह रजिस्टर्ड है।
इस तरह से तय होती है नागरिकता
नागरिकता को लेकर सभी देश के अलग-अलग नियम हैं। माता-पिता की नागरिकता और फ्लाइट के रजिस्ट्रेशन के अलावा बच्चे की नागरिकता एक और आधार पर भी तय होती है। कुछ मामलों में फ्लाइट में जिस देश के ऊपर बच्चे का जन्म होता है, उसे वहां की नागरिकता मिल जाती है। हालांकि, कुछ ही देश में ऐसा नियम है।
ज्यादातर देश पालन करते हैं यह नियम
दुनियाभर में ज्यादातर एक नियम का ही पालन करते हैं। वह माता-पिता की नागरिकता के आधार पर ही बच्चे की नागरिकता तय करते हैं। भारत में इसी तरह का नियम हैं। अगर विदेश से आ रही फ्लाइट में किसी बच्चे का जन्म होता है और उसमें से कोई एक पिता या माता भारत से हैं तो उस बच्चे को भारत की नागरिकता मिल सकती है। चाहे वह किसी भी देश की सीमा में पैदा हो
क्या कहता है अंतरराष्ट्रीय कानून?
अंतरराष्ट्रीय कानून कहता है कि जिस देश में फ्लाइट रजिस्टर्ड होते हैं, उसे उसी देश का माना जाता है। कोई भी विमान एक से अधिक देश में रजिस्टर्ड नहीं हो सकते हैं। नियम यह भी है कि यदि किसी बच्चे का जन्म ऐसे अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में होता है, जहां किसी भी देश का दावा नहीं है तो बच्चे को विमान वाले देश की नागरिकता मिलेगी।
ब्रिटेन इस नियम को मानता है। वह उन बच्चों को अपने देश की नागरिकता देता है, जो उनके यहां के रजिस्टर्ड विमान में पैदा हुए हैं।
अमेरिका और कनाडा मानते हैं यह नियम
अमेरिका और कनाडा जैसे देश इस तरह के मामलों में जूस सोली नियम का पालन करते हैं। इसका मतलब है कि मिट्टी का अधिकार। इसके तहत अगर किसी बच्चे का जन्म कनाडा और अमेरिका के हवाई या जलक्षेत्र क्षेत्र में होता है तो उसे वहां की नागरिकता मिल जाती है। मगर कई देश इस नियम को नहीं मानते हैं।