क्या है वोटर वेरिफिकेशन अभियान?
चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि अगस्त 2025 से पूरे देश में मतदाता सत्यापन प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य अवैध मतदाताओं, विशेष रूप से बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार जैसे देशों से आए संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान करना और उनकी फर्जी वोटर आईडी को हटाना है। इसके लिए मतदाताओं को अपनी नागरिकता, पहचान और निवास स्थान साबित करने के लिए दस्तावेज जमा करने होंगे।अब पूरे देश में लागू
बिहार में जून 2024 से शुरू हुए विशेष गहन पुनरीक्षण में अब तक 88% मतदाताओं का सत्यापन पूरा हो चुका है, और लगभग 5% अवैध प्रविष्टियां हटाई गई हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया को लेकर विवाद भी सामने आए हैं। कई लोगों और बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) का कहना है कि सत्यापन प्रक्रिया अभी शुरू भी नहीं हुई है, जबकि आयोग का दावा है कि 95% सत्यापन पूरा हो चुका है।क्यों उठाया यह कदम?
चुनाव आयोग का कहना है कि यह कदम स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। मतदाता सूची में गड़बड़ियों को रोकने और फर्जी मतदान को खत्म करने के लिए यह सत्यापन जरूरी है। आयोग ने बायोमेट्रिक सत्यापन और आधार से लिंकेज जैसे उपायों को भी बढ़ावा दिया है, जिससे मतदाता पहचान की प्रामाणिकता बढ़ाई जा सके।कैसे होगा सत्यापन?
दस्तावेज सत्यापन: मतदाताओं को आधार, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट जैसे दस्तावेज जमा करने होंगे।बायोमेट्रिक सत्यापन: पहचान की सटीकता के लिए बायोमेट्रिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
पता सत्यापन: बूथ लेवल अधिकारी व्यक्तिगत रूप से मतदाताओं के पते की जांच करेंगे।