मारपीट मामले में आरोपी बनाए गए एक सेना अधिकारी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि उसके साथ एयरलाइन स्टाफ ने अभद्र व्यवहार किया, जिससे उनकी फ्लाइट छूट गई।
एयरपोर्ट स्टाफ ने अपमानजनक व्यवहार किया- सेना अधिकारी
अधिकारी, जो उत्तरी कश्मीर के गुलमर्ग स्थित हाई-एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल से संबद्ध हैं, आपातकालीन छुट्टी पर दिल्ली जा रहे थे। उन्होंने पुलिस में अपनी ओर से एफआईआर दर्ज कराते हुए कहा कि एयरपोर्ट स्टाफ ने न सिर्फ उन्हें अनावश्यक रूप से रोका, बल्कि बेहद अपमानजनक व्यवहार भी किया। सेना अधिकारी ने दावा किया कि वे बोर्डिंग प्रक्रिया पूरी कर रहे थे और अतिरिक्त सामान को लेकर बातचीत कर रहे थे, पर स्टाफ ने गैर-पेशेवर ढंग से व्यवहार किया गया।
ये है पूरा मामला
26 जुलाई, 2025 को सैन्य अधिकारी ने स्पाइसजेट के चार कर्मचारियों को बुरी तरह से पीटा था। मामला लगेज से जुड़ा था। सेना अधिकारी के पास 16 किलोग्राम सामान था, जबकि ज्यादातर फ्लाइट में प्रति पैसेंजर 7 किलो सामान ले जाने का नियम है। इससे ज्यादा सामान होने पर अतिरिक्त पैसे चुकाने होते हैं। इस केस में भी ऐसा ही हुआ था। एयरलाइन कंपनी ने ज्यादा सामान होने पर सेना अधिकारी को पैसे भुगतान करने को कहा। जिसपर वे भड़क गए। बोर्डिंग गेट पर कंपनी के स्टाफों को जमकर पीटा।
बाद में सीआईएसएफ ने बीच बचाव किया और मामले को किसी तरह से संभाला। इस मामले को लेकर सेना की तरफ से भी बयान आया था। कहा गया था कि वह मामले की जांच में पुलिस का पूरा सहयोग करेंगे। अब दोनों तरफ से प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
इसके अलावा, एयरलाइन कंपनी ने नागरिक उड्डयन नियमों के अनुसार यात्री को नो-फ्लाई सूची में डालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। स्पाइसजेट ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को पत्र लिखकर अपने कर्मचारियों पर हुए जानलेवा हमले के बारे में जानकारी दी है और यात्री के खिलाफ उचित कार्रवाई का अनुरोध किया है।