पहले 24 राज्यों को मिलेगा नए प्रदेश अध्यक्ष
इस सप्ताह के अंत तक मिजोरम, पुडुचेरी, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश सहित करीब 24 राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा हो सकती है। इससे पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा के उत्तराधिकारी को चुनने के लिए पार्टी के भीतर चुनाव का मंच तैयार हो जाएगा। महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में वर्तमान अध्यक्ष को बनाए रखने की तैयारी है। वहीं, तेलंगाना में रामचंदर राव की नियुक्ति की अटकलों के बीच विधायक राजा सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में वहां पर स्थिति उलझ गई है। बीजेपी ने महाराष्ट्र, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में राज्य इकाइयों के अध्यक्षों के चुनाव के लिए वरिष्ठ नेताओं की नियुक्ति भी कर दी है।
जेपी नड्डा का 2023 में खत्म हो गया था कार्यकाल
जेपी नड्डा जनवरी 2020 में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे और उनका कार्यकाल जनवरी 2023 में समाप्त होना था। हालांकि, 2024 लोकसभा चुनाव और हरियाणा, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों को देखते हुए उनके कार्यकाल को दो बार बढ़ाया गया। अब उनके उत्तराधिकारी को बिहार विधानसभा चुनाव और 2026 तक पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और असम जैसे राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी का नेतृत्व करना होगा। कैसे होता है राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव
बीजेपी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी हो सकता है जब राज्य स्तर तक संगठनात्मक चुनाव पूरे हो जाएं। इसके बाद नामांकन प्रक्रिया होती है, जहां आम तौर पर एक ही उम्मीदवार नामांकन दाखिल करता है और उसे निर्विरोध अध्यक्ष घोषित किया जाता है।
तीन संभावित नामों पर मंथन जारी
फिलहाल तीन संभावित नामों को लेकर पार्टी नेतृत्व में मंथन जारी है और अंतिम निर्णय पर सहमति नहीं बन पाई है। इसी कारण सावन की शुरुआत से पहले भाजपा को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलने की संभावना कम नजर आ रही है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि सावन के बाद ही नए अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर तस्वीर साफ हो पाएगी और तब तक जेपी नड्डा ही संगठनात्मक कार्यों का नेतृत्व करते रहेंगे।