BJP President Election कुछ हफ्तों में संभव है। ANI
BJP new president Election : BJP को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष कुछ ही हफ्तों में मिलने वाला है। वहीं बीते 2 दिन में पार्टी ने 6 राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी है ताकि जेपी नड्डा का उत्तराधिकारी मिलने का रास्ता साफ हो सके। नड्डा का कार्यकाल पहले ही खत्म हो चुका है। पार्टी के नियमों के मुताबिक उसकी आधी प्रदेश इकाई में चुनाव कराना जरूरी है। यह काम नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने से पहले होता है। पार्टी ने कुछ काम पूरा कर लिया है।
देश में कुल 36 राज्य पार्टी इकाई हैं। कुछ और राज्य इकाइयों में चुनाव हो जाने के बाद बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की तारीख का ऐलान कर देगी। अप्वाइंटमेंट के हालिया राउंड में महाराष्ट्र को रवींद्र चव्हाण नए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में मिले हैं। वह यहां वर्किंग प्रेजिडेंट थे। उत्तराखंड में महेंद्र भट्ट को एक और टर्म के लिए प्रदेश अध्यक्ष बने रहना होगा। आंध्र प्रदेश में पीवीएन माधव को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। उन्होंने डी. पुरंदेश्वरी का स्थान लिया। वह ओबीसी वर्ग से आते हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं में गहरी पकड़ रखते हैं। तेलंगाना को भी नया प्रदेश प्रभारी मिल गया है। रामचंदर राव को यह दारोमदार दिया गया है। राव छात्र राजनीति से उठे हैं और अब केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी की जगह लेंगे, जो जुलाई 2023 में अध्यक्ष बने थे। पुडुचेरी में वीपी रामलिंगम को नया बीजेपी प्रदेश इकाई का प्रमुख बनाया गया है। मिजोरम में के बेचुआ को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई है।
मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल में भी बदलाव होंगे। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी का फोकस संगठनात्मक अनुभव पर जोर के अलावा राज्य इकाइयों में जातिगत और सामुदायिक समीकरण संतुलित करने का है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कई महीनों से पेंडिंग चल रहा है। इस कारण जेपी नड्डा का कार्यकाल बढ़ा दिया गया था। ऐसी अफवाह है कि आरएसएस और पार्टी के बीच बढ़ते मतभेद के कारण चुनाव टाले गए। हालांकि पार्टी सूत्रों ने कहा कि संघ से बातचीत पहले ही हो चुकी है ताकि सबकी सहमति के साथ नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाए।
नए बीजेपी अध्यक्ष के सामने होंगी बड़ी चुनौतियां
जो भी बीजेपी का नया अध्यक्ष बनेगा उसके लिए आने वाले साल चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं क्योंकि बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में चुनाव होने हैं। नए अध्यक्ष को प्रमुख संरचनात्मक बदलावों से गुजरना होगा, जिसमें आगामी परिसीमन और जनगणना के बाद महिला आरक्षण बिल को लागू कराने का काम शामिल है। नए अध्यक्ष को कैबिनेट विस्तार से भी जूझना होगा, क्योंकि कई संगठन मंत्रियों को मंत्रिपद मिल सकता है। BJP 2029 के लोकसभा चुनाव पर भी नजर गड़ाए हुए है। पार्टी उस चुनाव में नए और युवा नेताओं को चांस दे सकती है, जो रणनीतिक तौर पर और जमीनी स्तर पर अनुभवी हों ताकि पार्टी की लेगेसी आगे बढ़ा सकें।