“विनम्रता और उद्देश्य के साथ लीड करेंगे
पाकिस्तान ने कहा है कि वह “उद्देश्य, विनम्रता और दृढ़ विश्वास” के साथ जुलाई महीने की अध्यक्षता करेगा। इसका मकसद है शांति, सुरक्षा और सहयोग को बढ़ावा देना।राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है:
“यह केवल प्रतीकात्मक अध्यक्षता है, लेकिन पाकिस्तान इसे अपने पक्ष में कूटनीतिक बढ़त के तौर पर पेश कर सकता है।भारत को कूटनीति और सार्वजनिक संवाद दोनों मोर्चों पर सक्रिय रहना होगा।”इस पर सुलगते सवाल
पाकिस्तान जुलाई 2025 में UNSC की अध्यक्षता के दौरान क्या एजेंडा सेट करेगा? क्या कश्मीर या आतंकवाद से जुड़े मुद्दे पर भारत विरोधी बयानबाज़ी बढ़ेगी?सोशल मीडिया रिएक्शन
🗨️”आतंक के आका को मिली कुर्सी की चाबी!”🗨️ “क्या अब UNSC भी प्रोपेगेंडा का मंच बनेगा?”
🗨️ “भारत को अब और सतर्क रहना होगा…”
UNSC में पाकिस्तान की पिछली भूमिका
पाकिस्तान पहले भी अस्थायी सदस्य रह चुका है, लेकिन उसका ट्रैक रिकॉर्ड विवादों से घिरा रहा है – विशेष रूप से भारत के खिलाफ बयानबाज़ी को लेकर पाकिस्तान विवादित रहा है।यूएनएससी में भारत की स्थिति
भारत 2021-2022 में UNSC का अस्थायी सदस्य था और अध्यक्षता भी कर चुका है। उस दौरान भारत ने आतंकवाद, समुद्री सुरक्षा और शांति स्थापना जैसे मुद्दों पर वैश्विक सहयोग बढ़ाया।यूएनएससी में इस बार क्या अलग है?
पाकिस्तान एक ऐसे समय में अध्यक्ष बना है जब FATF से बाहर निकलने और अफगानिस्तान पर नीति को लेकर उस पर फिर से वैश्विक ध्यान है।अब भारत पर क्या असर होगा (India vs Pakistan UN)?
इस नियुक्ति से भारत को सीधे तौर पर कोई खतरा नहीं है, लेकिन यह ज़रूर देखा जाएगा कि पाकिस्तान इस मंच का इस्तेमाल कहीं भारत के खिलाफ कूटनीतिक रणनीति के लिए तो नहीं करता। खासकर कश्मीर जैसे मुद्दों पर निगरानी रखी जा रही है।भारत का आधिकारिक जवाब या रुख इस पर क्या होगा? अगले हफ्ते UNSC में ओपन डिबेट संभावित है, जिसमें पाकिस्तान को एजेंडा तय करने का मौका मिल सकता है।