Union minister of state coal and mines Satish Chandra Dubey
बैकुंठपुर। केंद्रीय कोयला एवं खान राज्यमंत्री सतीश चंद्र दुबे (Union state coal minister) मंगलवार को कोरिया जिले के एसईसीएल चरचा कॉलरी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने खदान परिसर में एसईसीएल का पहला लेडीज बायोटॉयलेट, पंखा घर (मेन मैकेनिकल वेंटिलेटर) और चिरमिरी एनसीपीएच कॉलरी में ब्लास्टिंग रहित कोयला उत्पादन करने के लिए कंटीन्युअस माइनर मशीन का लोकार्पण किया। उन्होंने कोयला कामगारों के साथ बैठकर भोजन भी किया। वहीं बेहतर काम करने वाले 28 कर्मचारियों को सम्मानित किया।
कोयला राज्यमंत्री दुबे (Union state coal minister) ने कहा कि कोयला को ब्लैक गोल्ड कहते हैं, जिसे अंधेरे से उजाले में लाते हैं। पहले कोयला से ट्रेन चलती थी। आज कोयले से बिजली उत्पादन कर ट्रेनें चल रही हैं। उद्योग या हर घर में बिजली का मामला हो, कोयले से ही पूर्ति हो रही है। वर्ष 2014 से पहले हर घर में बिजली नहीं थी। लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी ने हर घर में बिजली और खेतों में सिंचाई के लिए उपलब्ध कराई है।
चरचा कॉलरी कोयले का लक्ष्य हासिल करेगी और आगे बढ़ेगी। हम सिर्फ कोयला ही नहीं निकालते हैं, कोयला उत्पादन से राशि बचत होती है। उससे सीएसआर मद से सामाजिक कार्य करते हैं। उन्होंने (Union state coal minister) कहा कि पीएम मोदी का देश को 2047 में विश्व का सबसे शक्तिशाली बनाने का सपना है।
State coal minister आत्मनिर्भर भारत बनाने में, मेक इन इंडिया बनाने में कोयला से ताकत मिलेगी। हम सिर्फ कोयला खनन नहीं करते हैं, बल्कि समय-समय पर जांच कराकर क्रिटिकल मिनरल का पता लगाते हैं। इस दौरान क्रिटिकल मिनरल मिलने पर सही दिशा में प्रयोग करेंगे।
कार्यक्रम (Union state coal minister) में एसईसीएल बैकुंठपुर में बेहतर काम करने वाले 28 कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। इस दौरान सीएमडी हरिश दुहान, विधायक भइयालाल राजवाड़े, कलेक्टर चंदन संजय त्रिपाठी, एसपी रवि कुमार कुर्रे सहित बड़ी संख्या में कॉलरी अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।
बैकुंठपुर क्षेत्र के जीएम बीएन झा ने कहा कि क्षेत्र की कोयला खदानों में 5 कंटीन्युअस माइनर मशीनें लगेंगीं। अभी 2 लग चुकी हंै, दो में प्रकिया चल रही है और पांचवी आने वाली है। कंटीन्युअस माइन मशीन एक मास प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी है। इससे कोयला खदान (Union state coal minister) के भीतर ड्रिलिंग और ब्लास्टिंग की जरूरत नहीं पड़ती है। मशीन कोयला को निश्चित साइज में काटकर कंवेयर के माध्यम से खदान के बाहर भेजती है।
क्षेत्र में कुल 12 कंटीन्युअस माइनर मशीनें लगाने की तैयारी है। इससे वर्ष 2030 में बैकुंठपुर क्षेत्र से 7.50मिलियन टन कोयला उत्पादन होगा। प्रतिवर्ष 75 लाख टन कोयला उत्पादन (Union state coal minister) का लक्ष्य रखा गया है। पिछले साल बैकुंठपुर क्षेत्र को 77 करोड़ का मुनाफा हुआ है और अप्रैल से हम लगातार लाभ में चल रहे हैं।
कोयला राज्यमंत्री दुबे (Union state coal minister) ने कहा कि हमारे देश की युवा शक्ति 65 फीसदी है। इसलिए हमें आगे बढऩे से कोई नहीं रोक सकता है। लेकिन पहले की सरकार ने युवा शक्ति का प्रयोग नहीं किया। हमने कोरोना काल में वैक्सीन बनाई। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने टीबी की दवा बनाने में वर्र्षाें समय लगाया था।
Lunch with coal workers उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का नारा है, स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत। देश को स्वच्छता से ही लोग स्वस्थ रहेंगे। एक पेड़ मां के नाम लगाना है। अपनी मां और धरता मां के नाम पर एक पड़े लगा सकते हैं। इससे पर्यावरण का संरक्षण होगा। वर्तमान में रेल ट्रांस्पोर्टिंग, रेलवे साइडिंग से कोयला भेजते हैं।
वर्तमान में रोड ट्रांसपोर्टिंग पर निर्भर कम हैं। जिस दिन रोड ट्रांसपोर्टिंग पर काबू पाएंगे, उस दिन पर्यावरण प्रदूषण को कंट्रोल करने में निश्चित रूप से कामयाब होंगे। कार्यक्रम के बाद उन्होंने (Union state coal minister) कैंटीन में सम्मानित होने वाले मजदूरों के साथ भोजन भी किया।
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