35 ठिकानों पर की थी छापेमारी
प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने 35 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान ईडी के हाथों कई अहम दस्तावेज लगे। ईडी ने दावा किया कि रिलायंस ग्रुप की की कंपनियों ने यस बैंक से बिना पर्याप्त गारंटी के लोन लिए और इनका इस्तेमाल शेल कंपनियों के जरिए पैसों को दूसरे कारोबारों में लगा दिया। सीबीआई ने यस बैंक से जुड़े मामले में पहले दो FIR दर्ज की थी। इसी के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने जांच शुरू की। जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने पाया कि यस बैंक के पूर्व प्रमोटर्स को लोन मंजूरी से ठीक पहले निजी कंपनियों में पेमेंट किए। इसे लोन के लिए रिश्वत देने की आशंका जाहिर होती है। SBI ने आरकॉम और उसके मुखिया अनिल अंबानी को फ्रॉड घोषित करते हुए सीबीआई से शिकायत भी की है।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद को बताया था कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने रिलायंस कम्युनिकेशंस और इसके प्रमोटर डायरेक्टर अनिल डी. अंबानी को फ्रॉड घोषित कर दिया है। यह कार्रवाई भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के फ्रॉड रिस्क मैनेजमेंट के नियमों और बैंक की फ्रॉड पर बनी पॉलिसी के अनुसार की गई है। पंकज चौधरी ने कहा था कि इस मामले में अब CBI में शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है। बैंक CBI में शिकायत दर्ज कराने जा रहा है।