नागौर. जिला मुख्यालय के जेएलएन राजकीय अस्पताल में पिछले काफी दिनों से निर्माण कार्य चल रहा है। पूर्व में बनाए गए डॉक्टरों के कमरों व वार्डों में अब मेडिकल कॉलेज के हिसाब से तोड़-फोड़ कर संशोधन (मॉडिफिकेशन) किया जा रहा है।
आरएसआरडीसी के अधिकारियों के अनुसार ठेकेदार को करीब 75 लाख रुपए का ठेका दिया गया है, इसके बावजूद ठेकेदार पिछले करीब सात-आठ महीने से अस्पताल की बिजली और पानी का उपयोग कर रहा है, जबकि उसे बिजली के लिए अलग से अस्थाई कनेक्शन लेना होता है। र पानी की भी अपने स्तर पर व्यवस्था करनी होती है। गौर करने वाली बात यह भी है कि सात-आठ महीने में अस्पताल प्रबंधन ने भी ठेकेदार को न तो टोका और न ही उससे बिजली-पानी के बिल की भरपाई की।
गौरतलब है कि वर्ष 2013-14 में जब जेएलएन अस्पताल का भवन बना था, उस समय भी ठेकेदार ने बिजली अस्पताल प्रबंधन की उपयोग की। इसके कारण लाखों रुपए का बिल काफी समय तक जमा नहीं हो पाया था।
एसी चलाकर कर रहे कमठे का काम अस्पताल के इमरजेंसी ब्लॉक में पिछले काफी दिन से पुराने कमरों व हॉल की दीवारों को तोड़कर नए कमरे बनाए जा रहे हैं। इसके साथ सभी कमरों में टाइल्स लगाने के साथ दीवारों पर वॉल पुट्टी का काम किया जा रहा है। यहां पहले से डॉक्टरों के लिए एयर कंडिशनर, पंखे व लाइटें लगी हुई हैं। यहां काम करने वाले मजदूर न केवल ग्राइंडर सहित अन्य मशीनें अस्पताल की बिजली से चला रहे हैं, बल्कि काम करते समय एसी, पंखे व लाइटें भी चला रहे हैं। एक तो अस्पताल की बिजली और ऊपर से कमठे के काम में डस्ट उड़ने से एसी व पंखे खराब होने की आशंका है, लेकिन न तो जिम्मेदार ध्यान दे रहे हैं और न ही ठेकेदार।
ठेकेदार को नोटिस देंगे अस्तपाल में निर्माण कार्य आरएसआरडीसी की ओर से करवाया जा रहा है। यदि ठेकेदार अस्पताल की बिजली-पानी काम में ले रहा है तो उसे नोटिस देंगे। बिजली बिल की राशि ठेकेदार से वसूल करेंगे।
– डॉ. आरके अग्रवाल, पीएमओ, जेएलएन अस्पताल, नागौर यदि ऐसा है तो ठेकेदार भुगतान करेगा नियमानुसार ठेकेदार को खुद का कनेक्शन लेना चाहिए, यदि कनेक्शन नहीं लिया है तो पीएमओ से बात करके बिजली लेनी चाहिए। यदि उसने अस्पताल की बिजली-पानी काम ली है तो उसका भुगतान करवाएंगे।
– प्रवीण सोनी, एईएन, आरएसआरडीसी, नागौर
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