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आईसीटी लैब में गड़बड़झाला, ठेकेदार कम्पनी ने लगाया घटिया सामान, शिक्षा परिषद ने मारी कुंडली

स्कूलों में लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद कम्प्यूटर लैब पर लगे ताले, शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने जांच में मानी गड़बड़ी, फिर भी कार्रवाई नहीं, भामाशाह हुए निराश, नागौर में दो साल से चक्कर काट रहा भामाशाह

नागौरMay 18, 2025 / 11:12 am

shyam choudhary

ICT lab
नागौर. प्रदेश की सरकारी स्कूलों में आईसीटी लैब स्थापित करने के लिए शुरू की गई आईसीटी 25:75 योजना में हुए गड़बड़झाले पर राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के उच्चाधिकारियों ने चुप्पी साध ली है। जिले में दो साल पहले विभिन्न स्कूलों में आईसीटी लैब स्थापित करने के लिए स्थानीय दानदाताओं व भामाशाहों ने 25 प्रतिशत राशि का भुगतान किया, परिषद की अनदेखी का फायदा उठाकर ठेकेदार ने टेंडर की शर्तों को ताक पर रखकर निम्न गुणवत्ता के उपकरण लगा दिए, जो एक-दो महीने ही नहीं चल पाए और कम्प्यूटर लैब पर ताले लगाने पड़े।
इस पूरे मामले में शिक्षा परिषद के अधिकारियों की कार्यशैली भी संदेह के घेरे में है, क्योंकि दो साल पहले गोगेलाव के भामाशाह की शिकायत पर शिक्षा विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने कमेटी बनाकर जांच की, जिसमें गड़बड़ी उजागर भी हो गई। जांच कमेटी की ओर से स्कूल शिक्षा परिषद को भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार लैब में न तो कम्प्यूटर उपकरण निर्धारित मापदंड वाले हैं और न ही कम्प्यूटर टेबल व अन्य सामान। इसके बावजूद ठेकेदार कम्पनी के खिलाफ दो साल बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, जबकि भामाशाह दो साल से विभागीय अधिकारियों के चक्कर काट रहा है।
शिक्षा मंत्री ने भी दिया थोथा आश्वासन

गौरतलब है कि गत वर्ष 30 जुलाई को प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर एक सामाजिक कार्यक्रम में भाग लेने गोगेलाव आए थे, उस दौरान भामाशाह रवि कुमार बोथरा व ग्रामीणों ने उन्हें ज्ञापन सौंपकर आईसीटी लैब में लगाए गए घटिया उपकरणों की शिकायत करते हुए ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। शिक्षा मंत्री दिलावर ने कार्रवाई का आश्वासन भी दिया, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गोगेलाव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की आईसीटी लैब उपकरण खराब होने से पिछले एक साल से बंद पड़ी है। खास बात यह है कि संस्था प्रधान ने इस संबंध में अधिकारियों को दो-तीन पत्र भी लिख चुके हैं, लेकिन कोई सुधार नहीं हो रहा।
अन्य स्कूलों में भी यही हाल

गोगेलाव विद्यालय में घटिया उपकरण लगाने की शिकायत के बाद शिक्षा विभाग ने जांच टीम गठित करके जिले के अन्य स्कूलों में स्थापित लैब में लगे उपकरणों व अन्य सामान की जांच करवाई, वहां भी गड़बड़झाला मिला। ठेकेदार ने न तो उच्च गुणवत्ता वाले कम्प्यूटर व अन्य उपकरण लगाए और न ही टेबल सहित अन्य सामान में गुणवत्ता रखी। इसके बावजूद ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। ऐसे में दानदाताओं का कहना है कि यदि इसी प्रकार उनके धन का दुरुपयोग होगा तो वे भविष्य में सरकारी स्कूलों को सहयोग नहीं करेंगे।
भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ हो कार्रवाई

राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से सरकारी स्कूलों में जनसहभागिता से आईसीटी लैब स्थापित करने के लिए शुरू की गई योजना के तहत ठेकेदार कम्पनी ने निर्धारित मापदंडों को ताक पर रखकर घटिया उपकरण लगा दिए। यह शिक्षा विभाग के अधिकारियों की जांच में साबित भी हो गया, इसके बावजूद दो साल बाद भी ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है। जबकि हमने शिक्षा मंत्री को भी इस संबंध में शिकायत दी थी। यदि दानदाताओं व भामाशाहों के धन का ऐसे ही दुरुपयोग होता रहा तो कौन सहयोग करेगा।
– रवि कुमार बोथरा, भामाशाह, गोगेलाव

रिपोर्ट मुख्यालय को भिजवा दी

गोगेलाव विद्यालय की आईसीटी लैब में स्थापित किए गए उपकरणों को लेकर शिकायत मिलने के बाद हमने जांच की थी, जिसमें कमियां पाई गई थी। जांच के बाद रिपोर्ट मुख्यालय को भिजवा दी थी, अब कार्रवाई मुख्यालय स्तर से ही होनी है।
– अर्जुनराम जाजड़ा, एडीईओ, माध्यमिक शिक्षा, नागौर

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