प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ट्रेलर बेकाबू था और उसमें जरूरत से ज्यादा माल लदा हुआ था। टक्कर के बाद ट्रेलर भी सड़क पर पलट गया और उसमें लदे पाउडर के कट्टे सड़कों पर बिखर गए। हादसे के बाद ट्रेलर चालक फरार हो गया। स्थानीय लोगों ने हादसे की सूचना पुलिस और एम्बुलेंस को दी। मौके पर पहुंचे हेड कांस्टेबल नरेश कुमार व कमलेश कुमार ने पंचनामा कर पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए। ट्रेलर को जब्त कर लिया गया है, चालक की तलाश की जा रही है।
ट्रेलर ने छीन ली दो परिवारों की उम्मीदें
मृतक मुकेश अपने परिवार का इकलौता बेटा था, और उसके सिर से दादा का साया अभी-अभी उठा था। वहीं दीपक पहले से ही पिता को खो चुका था और परिवार का सबसे बड़ा सहारा था। एक हादसे ने दोनों परिवारों की रीढ़ तोड़ दी। गांव और परिवार में मातम पसरा हुआ है, हर आंख नम है। ओवरलोड ट्रकों और लापरवाह ड्राइविंग के चलते एक बार फिर दो युवा जानें असमय चली गईं। सवाल ये है कि कब तक ऐसी बेकाबू रफ्तारें मासूम जिंदगियां लीलती रहेंगी? दादा की मौत की खबर सुन लौट रहा था मुकेश
परिजनों के अनुसार मुकेश सिंह को उसके दादा बंशीसिंह की मृत्यु का समाचार शनिवार रात 9 बजे मिला। वह जयपुर में एक निजी होटल में काम करता था। खबर मिलते ही उसने अपने सबसे करीबी दोस्त दीपक कुमार के साथ रात करीब 11 बजे बाइक लेकर गांव के लिए रवाना हुआ। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। रास्ते में तेज रफ्तार ट्रेलर उनकी जिंदगी को निगल गया।