scriptमाध्यमिक शिक्षा में स्टाफिंग पैटर्न की 2 साल बाद होनी थी समीक्षा, 10 साल बाद जागे, क्रियान्वयन पर अब भी संशय | The staffing pattern in secondary education was to be reviewed after 2 years, woke up after 10 years, there is still doubt on implementation | Patrika News
नागौर

माध्यमिक शिक्षा में स्टाफिंग पैटर्न की 2 साल बाद होनी थी समीक्षा, 10 साल बाद जागे, क्रियान्वयन पर अब भी संशय

स्टाफिंग पैटर्न के आधार पर प्रत्येक स्कूल में वरिष्ठ अध्यापक या व्याख्याता के 3-3 पद होंगे कम, शिक्षाक संगठनों की मांग : स्टाफिंग पैटर्न की पालना होने पर बने बात, कागजी कार्रवाई से नहीं बदलेगा शिक्षा का स्तर, मापदण्ड अनुसार हो पदों की स्वीकृति

नागौरJun 10, 2025 / 11:27 am

shyam choudhary

Government-School

फोटो: मेटा एआई जनरेटेड

नागौर. राज्य सरकार ने माध्यमिक शिक्षा में 10 साल पहले निर्धारित किए गए स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा के लिए आदेश जारी किए हैं। इस संबंध में शिक्षा निदेशक से प्रस्ताव मांगे गए हैं, ताकि आगामी शिक्षण सत्र में मानदंड के अनुरूप स्टाफ की व्यवस्था की जा सके। शिक्षा विभाग के उप शासन सचिव ओपी शर्मा ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को पत्र भेजकर नामांकन के अनुसार स्टाफ लगाने के प्रस्ताव भेजने को कहा है। हालांकि इसका उद्देश्य शिक्षण संस्थानों में स्टाफिंग व्यवस्था में सुधार करना है, लेकिन शिक्षक संगठनों का कहना है कि 10 साल पहले यानी 30 अप्रेल 2015 को निर्धारित स्टाफिंग पैटर्न को आज तक पूरी तरह लागू नहीं किया गया, क्योंकि न तो स्टाफिंग पैटर्न के अनुसार व्याख्याताओं के पद स्वीकृत किए गए और न ही दो-दो साल बाद स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा की गई। जबकि बिन्दु संख्या 5.4 में स्पष्ट लिखा था कि हर दो वर्ष बाद समीक्षा की जाएगी। ऐसे में कहीं इस बार भी यह प्रक्रिया केवल कागजी नहीं बनकर रह जाए।
पद निर्धारण के लिए समिति का गठन

शिक्षा विभाग ने नए मानदंडों के तहत विद्यालयों में पदों के निर्धारण के लिए एक समिति का गठन किया है, जिसमें अध्यक्ष मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, सदस्य प्रारंभिक जिला शिक्षा अधिकारी, सदस्य सचिव माध्यमिक शिक्षा अधिकारी, दो प्रधानाचार्य सदस्य के रूप में शामिल होंगे।
कम हो जाएंगे पद
नए स्टाफिंग पैटर्न के आधार पर प्रत्येक स्कूल में वरिष्ठ अध्यापक या व्याख्याता के 3 पद कम हो जाएंगे। स्टाफिंग पैटर्न के बिंदु 6.1 व 6.2 के अनुसार वरिष्ठ अध्यापक के 3 व व्याख्याता के 5 पद या वरिष्ठ अध्यापक के 5 व व्याख्याता के 3 पद ही होंगे। जबकि वर्ष 2015 से पहले प्रत्येक स्कूल में 5 व्याख्याता व 6 वरिष्ठ अध्यापक को मिलाकर कुल 11 पद होते थे। स्कूल क्रमोन्नत होते ही 5 व्याख्याता पद स्वीकृत करने पर वरिष्ठ अध्यापक का एक पद खत्म होगा। उसके बाद क्रमोन्नति के तीसरे वर्ष कक्षा 11 व 12 का नामांकन 50 या अधिक होने पर अनिवार्य विषयों हिंदी व अंग्रेजी के व्याख्याता पद सृजित करने पर वरिष्ठ अध्यापक हिंदी व अंग्रेजी के पद समाप्त होंगे। इसलिए एक संकाय वाले प्रत्येक उच्च माध्यमिक विद्यालय में 3 व्याख्याता व 5 वरिष्ठ अध्यापक अथवा 5 व्याख्याता व 3 वरिष्ठ अध्यापक होंगे, इस प्रकार कुल 8 पद ही होंगे।
अब हिंदी-अंग्रेजी के वरिष्ठ अध्यापक के स्थान पर होंगे व्याख्याता पद
यदि स्टाफिंग पैटर्न की पालना करते हुए मापदण्ड अनुसार पदों की स्वीकृति की जाती है तो उच्च माध्यमिक विद्यालयों में वरिष्ठ अध्यापक हिंदी व अंग्रेजी के स्थान पर अनिवार्य विषय हिंदी व अंग्रेजी के व्याख्याता पद सृजित किए जाएंगे। उसके कारण कक्षा 11 व 12 में 50 या इससे अधिक नामांकन वाले 10 हजार विद्यालयों में हिंदी व अंग्रेजी के 10-10 हजार वरिष्ठ अध्यापक पदों के स्थान पर व्याख्याता पद सृजित किए जाएंगे।
जानिए, स्टाफिंग पैटर्न के बिंदु 5 व 6 क्या हैं
– बिंदु 5.4 के अनुसार प्रत्येक दो वर्ष में स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा करते हुए नामांकन आधार पर पदों का पुनः निर्धारण करने का प्रावधान है, लेकिन इस नियम की पालना नहीं होने के कारण अप्रेल 2015 में लागू पैटर्न की 10 वर्षों में एक बार भी समीक्षा नहीं की गई।
– बिंदु 6.1 के अनुसार, विद्यालय उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत होते ही प्रथम वर्ष ऐच्छिक विषयों के 3 व्याख्याता पद स्वीकृत किए जाएंगे, लेकिन इस नियम की पालना नहीं होने के कारण वर्ष 2021-22 के बाद क्रमोन्नत 6 हजार विद्यालयों में 4 वर्ष बीतने के बाद भी ऐच्छिक विषयों के व्याख्याता पद स्वीकृत नहीं हुए।
– बिंदु 6.2 के अनुसार, उच्च माध्यमिक विद्यालयों में क्रमोन्नत होने के तीसरे वर्ष कक्षा 11 व 12 का नामांकन 50 होने पर अनिवार्य विषय हिन्दी व अंग्रेजी के व्याख्याता पद सृजित किए जाएंगे, लेकिन वरिष्ठ अध्यापक हिंदी व अंग्रेजी के पद समाप्त कर दिए जाएंगे। लेकिन वर्ष 2013 के बाद क्रमोन्नत किसी भी विद्यालय में अनिवार्य विषयों के व्याख्याता पद सृजित नहीं किए गए। कुल 13 हजार क्रमोन्नत विद्यालयों में से 6 हजार विद्यालय मापदण्ड पूरा करने के बावजूद भी अनिवार्य विषयों के व्याख्याता पद स्वीकृत नहीं है।
क्रमोन्नत करते गए, व्याख्याताओं के पद स्वीकृत नहीं किए
वर्ष 2013 के बाद सरकार ने हजारों विद्यालयों को उच्च माध्यमिक विद्यालयों में क्रमोन्नत किया, लेकिन उनमें अनिवार्य विषय हिन्दी व अंग्रेजी के व्याख्याता पद स्वीकृत ही नहीं किए। सत्र वार क्रमोन्नत विद्यालय –
सत्र – क्रमोन्नत विद्यालयों की संख्या

2013-14 – 1086

2014- 15 – 5000

2017-18 – 300

2018-19 – 1100

2019-20 – 287

2020-21 – 82

2021-22 – 240
2022-23 – 3834

2022-23 – 1152 (उप्रा से उमा)कुल – 13080

प्रदेश में व्याख्याता व वरिष्ठ अध्यापक पदों की वर्तमान स्थिति

पद – वरिष्ठ अध्यापक – व्याख्याता

स्वीकृत – 109542 – 57194
कार्यरत- 67349 – 45763

रिक्त- 42193 – 11431

टॉपिक एक्सपर्ट व्यू

स्टाफिंग पैटर्न की पालना करते हुए मापदण्ड अनुसार पदों की स्वीकृति की जाए
नए व पुराने स्टाफिंग पैटर्न में बहुत कम अंतर है। लगभग हू-ब-हू है, लेकिन स्टाफिंग पैटर्न के मापदंडों अनुसार पदों का सृजन किया जाना चाहिए। बिंदु 5.4 के अनुसार प्रति 2 वर्ष बाद स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा होनी चाहिए। वर्ष 2021 के बाद क्रमोन्नत 6 हजार उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 4 वर्ष बाद भी ऐच्छिक विषयों के व्याख्याता पद तक स्वीकृत नहीं करना सरकार की मंशा पर सवालिया निशान लगाता है। सरकार को स्टाफिंग पैटर्न की पालना करते हुए नामांकन अनुसार पदों की स्वीकृति करनी चाहिए।
– बसंत कुमार ज्याणी, प्रदेश प्रवक्ता, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ, रेस्टा

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