कम हो जाएंगे पद
नए स्टाफिंग पैटर्न के आधार पर प्रत्येक स्कूल में वरिष्ठ अध्यापक या व्याख्याता के 3 पद कम हो जाएंगे। स्टाफिंग पैटर्न के बिंदु 6.1 व 6.2 के अनुसार वरिष्ठ अध्यापक के 3 व व्याख्याता के 5 पद या वरिष्ठ अध्यापक के 5 व व्याख्याता के 3 पद ही होंगे। जबकि वर्ष 2015 से पहले प्रत्येक स्कूल में 5 व्याख्याता व 6 वरिष्ठ अध्यापक को मिलाकर कुल 11 पद होते थे। स्कूल क्रमोन्नत होते ही 5 व्याख्याता पद स्वीकृत करने पर वरिष्ठ अध्यापक का एक पद खत्म होगा। उसके बाद क्रमोन्नति के तीसरे वर्ष कक्षा 11 व 12 का नामांकन 50 या अधिक होने पर अनिवार्य विषयों हिंदी व अंग्रेजी के व्याख्याता पद सृजित करने पर वरिष्ठ अध्यापक हिंदी व अंग्रेजी के पद समाप्त होंगे। इसलिए एक संकाय वाले प्रत्येक उच्च माध्यमिक विद्यालय में 3 व्याख्याता व 5 वरिष्ठ अध्यापक अथवा 5 व्याख्याता व 3 वरिष्ठ अध्यापक होंगे, इस प्रकार कुल 8 पद ही होंगे।
यदि स्टाफिंग पैटर्न की पालना करते हुए मापदण्ड अनुसार पदों की स्वीकृति की जाती है तो उच्च माध्यमिक विद्यालयों में वरिष्ठ अध्यापक हिंदी व अंग्रेजी के स्थान पर अनिवार्य विषय हिंदी व अंग्रेजी के व्याख्याता पद सृजित किए जाएंगे। उसके कारण कक्षा 11 व 12 में 50 या इससे अधिक नामांकन वाले 10 हजार विद्यालयों में हिंदी व अंग्रेजी के 10-10 हजार वरिष्ठ अध्यापक पदों के स्थान पर व्याख्याता पद सृजित किए जाएंगे।
– बिंदु 5.4 के अनुसार प्रत्येक दो वर्ष में स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा करते हुए नामांकन आधार पर पदों का पुनः निर्धारण करने का प्रावधान है, लेकिन इस नियम की पालना नहीं होने के कारण अप्रेल 2015 में लागू पैटर्न की 10 वर्षों में एक बार भी समीक्षा नहीं की गई।
– बिंदु 6.2 के अनुसार, उच्च माध्यमिक विद्यालयों में क्रमोन्नत होने के तीसरे वर्ष कक्षा 11 व 12 का नामांकन 50 होने पर अनिवार्य विषय हिन्दी व अंग्रेजी के व्याख्याता पद सृजित किए जाएंगे, लेकिन वरिष्ठ अध्यापक हिंदी व अंग्रेजी के पद समाप्त कर दिए जाएंगे। लेकिन वर्ष 2013 के बाद क्रमोन्नत किसी भी विद्यालय में अनिवार्य विषयों के व्याख्याता पद सृजित नहीं किए गए। कुल 13 हजार क्रमोन्नत विद्यालयों में से 6 हजार विद्यालय मापदण्ड पूरा करने के बावजूद भी अनिवार्य विषयों के व्याख्याता पद स्वीकृत नहीं है।
वर्ष 2013 के बाद सरकार ने हजारों विद्यालयों को उच्च माध्यमिक विद्यालयों में क्रमोन्नत किया, लेकिन उनमें अनिवार्य विषय हिन्दी व अंग्रेजी के व्याख्याता पद स्वीकृत ही नहीं किए। सत्र वार क्रमोन्नत विद्यालय –
नए व पुराने स्टाफिंग पैटर्न में बहुत कम अंतर है। लगभग हू-ब-हू है, लेकिन स्टाफिंग पैटर्न के मापदंडों अनुसार पदों का सृजन किया जाना चाहिए। बिंदु 5.4 के अनुसार प्रति 2 वर्ष बाद स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा होनी चाहिए। वर्ष 2021 के बाद क्रमोन्नत 6 हजार उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 4 वर्ष बाद भी ऐच्छिक विषयों के व्याख्याता पद तक स्वीकृत नहीं करना सरकार की मंशा पर सवालिया निशान लगाता है। सरकार को स्टाफिंग पैटर्न की पालना करते हुए नामांकन अनुसार पदों की स्वीकृति करनी चाहिए।