इनमें तृतीय श्रेणी शिक्षकों के अलावा विभाग ने प्राचार्य, उप प्राचार्य, प्रथम और द्वितीय श्रेणी के शिक्षक, मंत्रालयिक सहित कर्मचारियों के नाम मांगे गए हैं। इसके लिए विधायकों को एक फॉर्मेट ई-मेल किया गया है और कहा गया है कि इसी फॉर्मेट में नाम भर कर 15 जून तक ई-मेल कर दें। तृतीय श्रेणी शिक्षकों के अलावा विभाग ने अन्य सभी ग्रेड के शिक्षकों के तबादलों की सूची बनाने के लिए भाजपा विधायकों से नाम मांगे हैं। ऐसे में शिक्षक ट्रांसफर के लिए विधायकों व अन्य जनप्रतिनिधियों के चक्कर लगा रहे हैं।
बीमार व पीड़ित के नाम नहीं भेजें शिक्षा विभाग की ओर से विधायकों से तबादले के लिए मांगे गए प्रस्ताव में यह कहा गया है कि फॉर्मेट को भरकर शिक्षा मंत्री के ई-मेल पर भेजें। इसमें गंभीर रोग से पीडि़त, कैंसर रोगी, किडनी, हृदय रोगी, नेत्रहीन और एक साल में और उससे कम समय में सेवानिवृत्त होने वालों के नाम स्थानान्तरण के लिए नहीं देने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही यह भी कहा है कि यदि किसी को शिकायत पर हटाना है तो उस शिकायत का स्पष्ट उल्लेख किया जाए। इसके साथ परीक्षणकाल समाप्त होने, शिक्षक की पोस्टिंग पर कोई जांच या अनुशासनात्मक कार्रवाई न हो, जहां रिक्त पद हों, उन्हीं विद्यालय का चयन करने, गैर वांछनीय स्थान, विवादित क्षेत्र से ट्रांसफर चाहने वालों को प्राथमिकता देने के लिए कहा गया है।
सरकार गठन के बाद नहीं हुए शिक्षा विभाग में तबादले शिक्षा विभाग में तबादलों का इंतजार कर रहे शिक्षकों का इंतजार बढ़ता जा रहा है। ग्रीष्मावकाश के 15 दिन शेष है, लेकिन अभी सरकार ने तबादलों से रोक नहीं हटाई है। वर्तमान सरकार गठन के बाद शिक्षा विभाग को छोडकऱ अन्य सभी विभागों में तबादले हो चुके हैं, लेकिन शिक्षा विभाग में ग्रीष्मावकाश में तबादले करने की बात कही गई थी। 1 जुलाई से विद्यालय खुल जाएंगे। ऐसे में जून माह के केवल 15 दिन बचे हैं।
एक लाख से अधिक शिक्षक चाहते हैं ट्रांसफर शिक्षा विभाग में प्रधानाचार्य, व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापक, मंत्रालय कार्मिक सहित लगभग 30 हजार शिक्षक ट्रांसफर चाहते हैं। वहीं वर्ष 2022 में तृतीय श्रेणी शिक्षकों से ट्रांसफर के लिए जब आवेदन करवाए गए थे, उस समय 85 हजार शिक्षकों ने आवेदन किए थे, लेकिन ट्रांसफर नहीं किए गए। तृतीय श्रेणी शिक्षकों के ट्रांसफर अंतिम बार वर्ष 2018 मे किए गए थे। उसके बाद से नहीं हो रहे हैं। ऐसे में इनकी संख्या भी अब बढ़ी है। इस प्रकार विभाग में ट्रांसफर चाहने वालों की संख्या एक लाख से अधिक है।
शाला दर्पण से लिए जाएं आवेदन शिक्षक संगठनों का कहना है कि अब तक केवल विधायकों की डिजायर से ट्रांसफर होते आए हैं, लेकिन 2 वर्ष पूर्व ट्रांसफर के लिए शाला दर्पण से ऑनलाइन आवेदन करवाए गए, लेकिन अंत में ट्रांसफर तो डिजायर से ही हुए थे। प्रदेश में अब तक ट्रांसफर की कोई पॉलिसी नहीं बनने के कारण विधायकों व अन्य जनप्रतिनिधियों की डिजायर से ही तबादले होते आए हैं। जबकि तबादलों के लिए शिक्षकों से शाला दर्पण पर आवेदन लेने चाहिए।
तबादलों के इच्छुक शिक्षकों के तबादले किए जाएं वर्तमान सरकार गठन के बाद शिक्षा विभाग के अलावा अन्य सभी विभागों में तबादले हो चुके हैं। अत: शिक्षा विभाग में भी प्रधानाचार्य, व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापक सहित अन्य संवर्ग के कर्मचारी तबादलों का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में विभाग की ओर से तबादलों के इच्छुक शिक्षकों से शाला दर्पण से ऑनलाइन आवेदन लिए जाकर ग्रीष्मावकाश में स्कूल खुलने से पूर्व आवश्यकतानुसार तबादले किए जाने चाहिए।
– बसन्त कुमार ज्याणी, प्रदेश प्रवक्ता, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ रेस्टा