scriptप्रदेश में 23 साल से नहीं हुआ बीपीएल सर्वे, घटने की बजाए बढ़ रही संख्या | Patrika News
नागौर

प्रदेश में 23 साल से नहीं हुआ बीपीएल सर्वे, घटने की बजाए बढ़ रही संख्या

सरकारी आंकड़ों में आज भी 25.65 लाख से अधिक बीपीएल परिवार, वर्ष 2002 में हुआ था बीपीएल परिवारों का सर्वे, उसके बाद सरकार ने नहीं कराया दुबारा सर्वे, वल नाम सूची में दर्ज होते है, लेकिन स्पष्ट आंकडा अभी नहीं आ रहा सामने

नागौरApr 24, 2025 / 12:10 pm

shyam choudhary

मूण्डवा में बीपीएल परिवार के कच्चे मकान

मूण्डवा में बीपीएल परिवार के कच्चे मकान

नागौर. प्रदेश में पिछले 23 साल से बीपीएल परिवारों का सर्वे नहीं हुआ है, जबकि सरकार की नजर में वर्तमान में 25.65 लाख बीपीएल हैं। एक तरफ गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को मुख्य धारा में लाने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की जाकर करोड़ों रुपए का बजट खर्च किया जा रहा है, इसके बावजूद 23 साल पहले सर्वे में सामने आए बीपीएल परिवारों की संख्या कम होने की बजाए बढ़ रही है।
हाल ही में राजस्थान सरकार ने ‘गरीबी मुक्त राजस्थान’ की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए बजट 2025-26 में ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना’ के तहत प्रदेश के 5000 गांवों को गरीबी मुक्त बनाने की घोषणा भी की है, लेकिन क्या वास्तव में बीपीएल परिवारों की संख्या कम हो पाएगी? या फिर पिछले 23 वर्षों की तरह आगे भी बीपीएल परिवारों की संख्या कम होने की बजाए बढ़ेगी, यह समय ही बताएगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि हकीकत में भले ही लाखों की संख्या में बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवार और लोग बढ़ गए हों, लेकिन बीपीएल सर्वे वर्ष 2002 के बाद हुआ ही नहीं है। बड़ा सवाल यह भी है कि सरकार बीपीएल परिवारों के लिए कई प्रकार की योजनाएं संचालित कर रही हैं, इसके बावजूद 22-23 सालों में संख्या कम होने की बजाए बढ़ी है। एक प्रश्न यह भी खड़ा होता है कि विभिन्न प्रकार की योजनाओं का लाभ लेने के लिए हर कोई इस सूची में अपना नाम दर्ज करवाने आ जाता है, जबकि बगैर सर्वे के ये साफ नहीं है कि प्रदेश में वर्तमान में कितने बीपीएल हैं।
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने करवाया था सर्वे
ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देश पर प्रदेश में वर्ष 2002 में बीपीएल परिवारों का सर्वे करवाया गया। इसके बाद अब तक इस पर सर्वे नहीं किया गया। वर्ष 2002 के बीपीएल सर्वे की सूची को वर्ष 2006 से लागू किया गया। इस सूची में द्विस्तरीय अपील के माध्यम से परिवारों के नाम जोडऩे, हटाने की प्रक्रिया चलती रहती है। इसके अनुसार प्रथम अपील संबंधित उपखण्ड अधिकारी एवं द्वितीय अपील जिला कलक्टर को की जा सकती है। अपील प्रक्रिया के माध्यम से ही बीपीएल सूची 2002 में परिवारों को जोड़ा व हटाया जाता है।
नागौर व प्रदेश में बीपीएल परिवारों की स्थिति

  • 62,376 राशन कार्ड हैं कुल नागौरव डीडवाना-कुचामन जिले में
  • 2,72,666 कुल यूनिट
  • 17,510 राशन कार्ड हैं स्टेट बीपीएल के नागौरव डीडवाना-कुचामन जिले में
  • 73,000 कुल यूनिट
  • 20,47,815 बीपीएल राशनकार्ड हैं पूरे राजस्थान में
  • 85.32 लाख यूनिट हैं प्रदेश में
  • 5.18 लाख राशनकार्ड हैं स्टेट बीपीएल के
  • 20.77 लाख यूनिट हैं कुल
  • 25,65,815 प्रदेश में कुल बीपीएल परिवार
मार्च 2020 में कांग्रेस सरकार ने जोड़े थे नाम
यूं तो बीपीएल सूची 2002 में शामिल होने से वंचित रहे परिवारों को अपील के माध्यम से सूची में जोड़े जाने की प्रक्रिया निरंतर जारी है, लेकिन सूची में नाम जुड़वाना आसमान से तारे तोडकऱ लाने से कम नहीं हैं। कांग्रेस सरकार के समय मार्च 2020 में द्वितीय अपील के बाद बीपीएल सूची में 5 लाख 19 हजार पात्र परिवारों को और जोड़ा गया था।
फिलहाल नहीं होगा सर्वे
गत वर्ष विधानसभा में विधायक हमीरसिंह भायल की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि प्रदेश में अंतिम बीपीएल सर्वे वर्ष 2002 में किया गया था। बीपीएल सर्वे भारत सरकार के निर्देशानुसार करवाया जाता है। इस संबंध में जब भी भारत सरकार से निर्देश प्राप्त होंगे, नवीन बीपीएल सर्वे करवाया जा सकेगा। गौरतलब है कि भारत सरकार ने इस संबंध में अभी कोई निर्देश नहीं दिए हैं।
अपात्र उठा रहे लाभ तो कई पात्र भी वंचित
सरकार की योजनाएं उन लोगों के लिए बनी हैं, जो वास्तव में आर्थिक रूप से कमजोर हैं। लेकिन अयोग्य लोग लाभ उठा रहे हैं और पात्र वंचित हैं। बीपीएल में भी यही स्थिति है। इसका खमियाजा उन गरीब परिवारों को भुगतना पड़ता है, जो वास्तव में सहायता के हकदार हैं। इसीलिए, बीपीएल सूची की पुन: जांच और सुधार जरूरी है ताकि योग्य और जरूरतमंद परिवारों को उनका हक मिल सके। समाज की समृद्धि तभी संभव है जब असली हकदारों को लाभ मिले।
सर्वे का निर्णय सरकार का
नागौर व डीडवाना-कुचामन जिले में वर्तमान कुल 79,886 बीपीएल राशनकार्ड हैं। सर्वे संबंधी निर्णय सरकार के स्तर का है।

  • अंकित पचार, जिला रसद अधिकारी, नागौर

Hindi News / Nagaur / प्रदेश में 23 साल से नहीं हुआ बीपीएल सर्वे, घटने की बजाए बढ़ रही संख्या

ट्रेंडिंग वीडियो