जानिए, कहां कौनसी मशीन सीबी नाट मशीन अस्पताल – मशीन मिलने का वर्ष नागौर टीबी हॉस्पिटल – 2016 जेएलएन अस्पताल – 2024 जायल अस्पताल – 2023 डेगाना अस्पताल – 2023
रियां बड़ी अस्पताल – 2023 ट्रू नाट मशीन अस्पताल – मशीन मिलने का वर्ष गोटन – जनवरी 2023 खींवसर – जनवरी 2023 मेड़ता – जनवरी 2023 मूण्डवा – अगस्त 2023
कुचेरा – जून 2023 पांचौड़ी – फरवरी 2025 डेह – फरवरी 2025 बासनी – फरवरी 2025 डीटीसी नागौर – 2025 इस प्रकार बढ़ा जांचों का आंकड़ा वर्ष – जांचों की संख्या
2016 – 12,942 2017 – 13,554 2018 – 15,301 2019 – 16,274 2020 – 13,436 2021 – 11,766 2022 – 22,953 2023 – 31,679 2024 – 42,530
2025 – 19,019 नोट – वर्ष 2025 के आंकड़े जनवरी से अब तक के हैं। एक लाख पर 3 हजार जांच का लक्ष्य राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत जिले को एक लाख की जनसंख्या पर 1500 लोगों की जांच प्रति वर्ष माइक्रो स्कोप से करने का लक्ष्य दिया जाता है। इसी प्रकार 1500 जांच नाट मशीन पर करने के निर्देश हैं, इस प्रकार एक वर्ष में कुल 3 हजार जांच प्रति एक लाख की जनसंख्या पर करने का लक्ष्य दिया जाता है। पहले जहां लक्ष्य की प्राप्ति 40 प्रतिशत मुश्किल से हो पाती थी, लेकिन अब जिले में जांच मशीनों की संख्या बढऩे से जांच का लक्ष्य 75 प्रतिशत तक पहुंच गया है। वर्ष 2025 में जिले को 58,770 जांचें करने का लक्ष्य मिला है। यानी प्रतिमाह करीब 4900 जांचें करनी हैं।
सूचना देने वालों को देते हैं प्रोत्साहन राशि टीबी मरीज के बारे में पहली सूचना वाले को 500 रुपए का प्रोत्साहन दिया जाता है। इसी प्रकार टीबी मरीज को छह महीने दवा व नियमित जांच कराने वाले वर्कर, जिसमें आशा सहयोगिनी व सामाजिक कार्यकर्ता, को एक हजार रुपए का प्रोत्साहन दिया जाता है।
जांच की गति बढऩे से उपचार हुआ आसान जिले में नाट मशीनों की संख्या बढऩे से अब अधिक लोगों को जांच कम समय में हो रही है। टीबी मरीज की पहचान समय पर होने से उपचार भी समय शुरू हो जाता है। भारत सरकार देश को टीबी मुक्त करने की दिशा में हरसंभव प्रयास कर रही है, इसके लिए टीबी मरीजों को निक्षय मित्रों से पोषण किट भी दिलवाए जा रहे हैं। साथ ही मरीजों को आर्थिक सहयोग भी दिया जाता है।
– डॉ. श्रवण राव, जिला नोडल अधिकारी, जिला टीबी अस्पताल, नागौर