रत्नागिरी में हाल ही में संरक्षक मंत्री उदय सामंत के चिपलून दौरे के दौरान विनोद झगडे की मौजूदगी ने चर्चाओं को हवा दी है। झगडे को उद्धव गुट के पूर्व सांसद विनायक राउत का विश्वासपात्र माना जाता रहा है। उन्होंने पहले ही तालुका प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में उनके दल बदलने की संभावनाएं और प्रबल हो गई हैं।
उदय सामंत ने भी कहा, “अगर विनोद झगडे हमारे साथ आते हैं, तो चिपलून में शिवसेना को निश्चित तौर पर मजबूती मिलेगी। उन्होंने हमारे रास्ते को स्वीकार कर लिया है, अब हम उनकी बात सुनकर निर्णय लेंगे।
इस घटनाक्रम के बाद यह लगभग तय माना जा रहा है कि झगडे जल्द ही शिंदे गुट में शामिल हो सकते हैं। इससे पहले भी रत्नागिरी के पूर्व विधायक राजन सालवी के शिंदे गुट में जाने से उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका लगा था और इसके बाद कई अन्य नेता व पदाधिकारी सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ शिवसेना शिंदे गुट में शामिल हो चुके हैं।
वर्तमान में कोंकण में ठाकरे गुट की कमान जहां विनायक राउत और वैभव नाइक जैसे बड़े नेताओं के हाथ में है, वहीं शिंदे गुट के पास उदय सामंत, योगेश कदम, दीपक केसरकर और निलेश राणे जैसे ताकतवर चेहरे हैं। इस स्थिति में शिंदे गुट का प्रभाव कोंकण में बढ़ता जा रहा है, जबकि ठाकरे गुट लगातार कमजोर होता दिख रहा है। अब आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि शिवसेना के इस पारंपरिक गढ़ में शिवसेना का कौन सा गुट बाजी मरता है।
इससे पहले महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा फेरबदल शुक्रवार रात देखने को मिला जब येवला तालुका के पूर्व विधायक नरेंद्र दराडे ने शिवसेना (उद्धव ठाकरे) का साथ छोड़कर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना में एंट्री की।