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मुरैना

कैंसर पीडि़त भाई को क्षेत्र की सैकड़ों बहनों ने रक्षा सूत्र बांधकर मदद को आई आगे

10 दिन पहले कैंसर पीडि़त पति को खोया, अब 14 वर्षीय पुत्र भी कैंसर से पीडि़त…मां के सामने दुखों का पहाड़ टूटा, मदद के लिए मां की समाजसेवियों से दरकार

मुरैनाAug 10, 2025 / 04:09 pm

Ashok Sharma

मुरैना. विकासखंड अंबाह की ग्राम पंचायत बीलपुर निवासी हर्ष (14) बीते तीन वर्षों से ब्लड कैंसर से पीडि़त है। 29 जुलाई को ही ज्योति सक्सैना ने अपने पति और हर्ष ने अपने पिता को खोया हैं। हर्ष के पिता बंटी सक्सैना भी ब्लड कैंसर से लंबे समय से पीडि़त थे। बीलपुर गांव सहित क्षेत्र की अन्य बहनों ने एक पहल की उनके गांव में कैंसर पीडि़त 14 वर्षीय हर्ष सक्सैना को रक्षा सूत्र बांधकर बहनों ने उसके जीवन की लंबी कामना की। हर्ष अपने मां के इकलौता हैं उसके कोई सगी बहन नहीं हैं। ऐसे में सैकड़ों बहनों ने अपने भाई को उपहार में कुछ राशि भी दी और उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की है कि हमारा भाई कैंसर की बीमारी से अच्छा हो जाए और स्वस्थ हो जाए।
ज्योति सक्सैना ने अपने जीवन की सारी पूंजी पति के इलाज और जांच में लगा दी। अब बेटा ब्लड कैंसर से पीडि़त हैं। मां के सामने दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। अब परिवार चलाना भी मुश्किल हो गया है। पत्रिका से बातचीत में हर्ष की मां ने कहा कि उनके पास दिन बहुत कम है और इलाज के लिए राशि इतनी चाहिए कि उनकी पूरी जिंदगी सिर्फ जुटाने में ही चली जाए। खुद को असहाय महसूस कर रही मां ने पत्रिका के जरिए प्रशासन और सरकार से मदद की गुहार लगाई है। ज्योति का कहना है कि सरकार और समाजसेवी उनकी मदद करे, जिससे वो अपने बेटे का ऑपरेशन करवा सके।

इलाज में 25 लाख का आएगा खर्च

मजदूरी कर परिवार का खर्च चलाने वाली मां ज्योति आर्थिक तंगी से जूझने को विवश हैं। हर्ष की मां ज्योति ने बताया कि बेटे के इलाज में करीब 25 लाख रुपए का खर्चा आएगा। अभी तक समाजसेवियों और ग्रामीणों के सहयोग से ढाई लाख लाख रुपए एकत्रित हो चुके हैं। आगे के इलाज के लिए उनके पास रुपए नहीं है।

मदद को आगे आ रहे समाजसेवी

परिवार के इस दर्द को देख लोग आगे तो आ रहे हैं, लेकिन राशि इतनी बड़ी है कि कुछ लोगों की मदद से ये पूरी नहीं होगी। समाजसेवी जितेंद्र तोमर कहते हैं कि हमसे जितनी मदद होगी, हम उतनी करेंगे। अब ज्योति की नजर सामाजिक संस्थाओं और भामाशाहों पर टिकी है कि शायद कोई मदद कर दे और उसके बेटे को जीवन दान मिल सके। सरकार से भी इस पीडि़त परिवार को मदद की आस है, लेकिन वो कब तक पूरी होगी इसका कुछ पता नहीं है। इलाज के लिए करीब 25 लाख का खर्चा आएगा। अभी ग्रामीण और समाजसेवी मिलकर ढाई लाख रुपए जुटा चुके हैं। हालांकि यह मदद उतनी नहीं है कि बच्चों का इलाज हो सके लेकिन उम्मीद जगी है कि अन्य लोग इस परिवार की मदद के लिए सामने आएंगे।

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