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नई दिल्ली

दिल्ली-एनसीआर के आवारा कुत्तों पर फैसला सुरक्षित, सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल और एसजी में बहस

Stray Dogs in Delhi-NCR: सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को आवारा कुत्तों पर दिए गए आदेश को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और सॉलिसिटर जनरल में गरमा गरम बहस हुई। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

नई दिल्लीAug 14, 2025 / 12:27 pm

Vishnu Bajpai

Decision reserved on stray dogs in Delhi-NCR debate between Kapil Sibal and SG in Supreme Court

दिल्ली-एनसीआर के आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला। (फोटोः सोशल मीडिया)

Stray Dogs in Delhi-NCR: दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को जोरदार बहस हुई। जस्टिस विक्रम नाथ, संदीप मेहता और एनवी अंजारिया की तीन सदस्यीय पीठ ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अंतरिम रोक की मांग करने वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया। अब यह देखना होगा कि कोर्ट पहले दिए गए दो जजों के आदेश को बरकरार रखता है या उस पर रोक लगाता है। सुनवाई के दौरान जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि संसद में कानून और नियम तो बनते हैं, लेकिन उनका पालन नहीं होता। उन्होंने टिप्पणी की कि एक तरफ इंसान पीड़ित हैं तो दूसरी ओर पशु प्रेमी अपनी चिंताएं रख रहे हैं। पीठ ने सभी पक्षों से शपथ पत्र और ठोस सबूत पेश करने को कहा। फिलहाल अंतरिम रोक पर फैसला सुरक्षित रखा गया है।

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दिल्ली सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल ने दिया ये तर्क

सॉलिसिटर जनरल दुष्यंत दवे ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि कुछ लोग चिकन और अंडा खाने के बावजूद खुद को पशु प्रेमी बताते हैं, जबकि हकीकत यह है कि बच्चों की जान जा रही है। डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि हर साल करीब 305 लोगों की मौत होती है, जिनमें अधिकतर 15 साल से कम उम्र के होते हैं। दवे ने कहा कि कोई भी पशुओं से नफरत नहीं करता, लेकिन खतरे में डालने वाले जानवरों को अलग करना जरूरी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कुत्तों को मारा नहीं जाएगा, बल्कि उन्हें अलग कर सुरक्षित स्थानों पर रखा जाएगा।

कपिल सिब्बल ने दिल्ली सरकार का किया विरोध

वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने आदेश पर आपत्ति जताते हुए कहा कि बिना नोटिस और उचित प्रक्रिया के ऐसा निर्देश नहीं दिया जाना चाहिए था। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कुत्तों का बधियाकरण हुआ है? क्या इसके लिए बजट और शेल्टर उपलब्ध हैं? सिब्बल ने कहा कि आदेश में कुत्तों को छोड़ने से मना किया गया है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें रखा कहां जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश अपलोड होने से पहले ही 700 कुत्ते उठा लिए गए हैं और उनके भविष्य पर अनिश्चितता है। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने आशंका जताई कि दिल्ली में पकड़े गए 700 कुत्तों को मारा जा सकता है।

अभिषेक मनु सिंघवी ने भी रखा अपना पक्ष

इस मामले में गुरुवार को सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यदि पर्याप्त शेल्टर होते तो आदेश का अर्थ होता, लेकिन अभी ऐसी स्थिति नहीं है। उन्होंने संसद में सरकार के दिए गए आंकड़े का हवाला देते हुए कहा कि 2022 से 2025 तक दिल्ली, गोवा और राजस्थान में रेबीज से एक भी मौत दर्ज नहीं हुई। उन्होंने कहा कि कुत्तों के काटने की समस्या को डर फैलाने के तरीके से नहीं देखा जाना चाहिए।

क्या था सुप्रीम कोर्ट का आदेश?

दरअसल, 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस जेबी पारदीवाला और आर. महादेवन की पीठ ने दिल्ली-एनसीआर के सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को हटाकर शेल्टर होम में रखने और उन्हें दोबारा सड़कों पर नहीं छोड़ने का आदेश दिया था। आदेश में सक्षम प्राधिकरण और अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे। इस आदेश में ये भी कहा गया था कि अगर कोई इस अभियान में बाधा बनने की कोशिश करता है तो उसपर भी सख्त एक्‍शन लिया जाए। इस आदेश के बाद दिल्ली-एनसीआर के पशु प्रेमियों और पशु कल्याण संगठनों समेत राजनीतिक हलकों में भी उबाल आ गया था।

सुप्रीम कोर्ट में दोबारा सुनवाई क्यों हुई?

इस आदेश के बाद पशु प्रेमियों और समाज के अन्य वर्गों में नाराजगी फैल गई। कई संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार की मांग की। बुधवार को ‘कॉन्फ्रेंस फॉर ह्यूमन राइट्स (इंडिया)’ की याचिका का उल्लेख करते हुए तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया गया। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन ने इस पर विचार का भरोसा दिया। लेकिन उसी दिन दोपहर में अधिवक्ताओं ने फिर कहा कि आदेश की प्रति वेबसाइट पर नहीं आई, फिर भी अधिकारी कुत्तों को पकड़ने लगे हैं। अब शीर्ष अदालत को तय करना है कि दिल्ली-एनसीआर से आवारा कुत्तों को हटाने का आदेश कायम रहेगा या उस पर फिलहाल रोक लगेगी। फैसले का इंतजार पशु प्रेमियों और स्थानीय दोनों को है।

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