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मुरैना

शिक्षा विभाग में हुए चार बड़े घोटाले, समिति बनी परंतु एक में भी नहीं हो सकी जांच

मामला 132 स्कूलों की मरम्मत, कार्यालय में सामग्री सप्लाई, स्कूलों में बिजली फिटिंग और अटल टिकरिंग लैब के नाम पर करोड़ों खर्च का, सत्तापक्ष के लोगों की संलिप्तता, इसलिए कार्रवाई से पीछे हटे अधिकारी

मुरैनाMay 10, 2025 / 02:09 pm

Ashok Sharma

मुरैना. शिक्षा विभाग में चार बड़े घोटालों में करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा दिए गए और चारों ही मामलों में समिति बनाई लेकिन एक भी मामला ऐसा नहीं हैं जिसमें जांच पूरी होकर किसी के खिलाफ कार्रवाई हुई है। इन घोटालों में सत्तापक्ष के लोगों की संलिप्तता बताई गई इसलिए अधिकारी जांच को दबा रहे हैं।
जिले में हाईस्कूल भवनों की मरम्मत व पुताई के नाम पर करोड़ों रुपया पानी की तरह बहा दिया। स्कूलों की मरम्मत के नाम पर सिर्फ औपचारिकता पूरी की गई है। इसके लिए पहले जिला पंचायत सीइओ और फिर कलेक्टर स्तर से समिति बनाई गई, मामला काफी हाईलाइट रहा लेकिन समिति आज तक जांच पूरी नहीं कर सकी। इसी तरह जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में 24 लाख की सामग्री खरीदी गई, जिसमें पूरा सामान कार्यालय में नहीं आया और जो आया उसमें कुछ दिन बाद ही टूट फूट होने लगी, इसकी जांच के लिए तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी ए के पाठक के समय समिति बनाई गई थी लेकिन उनके स्थानांतरण के बाद जांच ठंडे बस्ते में डाल दी गई। यह खरीद वर्तमान जिला शिक्षा अधिकारी की मौजूदगी में की गई थी। इसी तरह हाईस्कूलों में बिजली फिटिंग के नाम पर करोड़ों रुपया आया था, जिसमें बंदरबांट कर दिया गया। इसकी जांच के लिए वर्तमान जिला शिक्षा अधिकारी ने तीन लोगों की समिति बनाई थी, लेकिन जांच आज तक पूरी नहीं हो सकी है। इसी तरह अटल टिकरिंग लैब जिले के छह स्कूलों में शुरू की गई थी, इनमें से एक दो स्कूल को छोडकऱ अन्य स्कूलों में पर्याप्त सामान भी नहीं हैं, जितनी राशि खर्च की गई, उसका लाभ विद्यार्थियों को नहीं मिल पा रहा है। इसकी जांच के लिए भी तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी ने समिति बनाई थी, लेकिन उनके स्थानांतरण के बाद जांच नहीं हो सकी।

घोटाला -01

राष्ट्रीय शिक्षा मिशन के तहत 39.60 करोड़ की राशि से जिले के 132 हाईस्कूलों के भवनों की मरम्मत होनी थी। भवनों की मरम्मत कराने के लिए 30 के करीब फर्मों को काम दिया गया। इन स्कूलों की मरम्मत का कार्य नवंबर 2022 से मार्च 2023 के बीच कराया गया। लेकिन स्थिति यह है कि मरम्मत के नाम पर छतों पर सिर्फ सीमेंट का घोल डाला गया है, पुताई ऐसी कि पुराना लिखा हुआ भी दिखाई दे रहा है। जिन स्कूलों की मरम्मत की गई, उनमें दरार पड़ रही हैं।

घोटाला -02

जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय मुरैना में पांच माह पूर्व 24 लाख की सामग्री खरीदी दिखाई गई है उतनी सामग्री रखने के लिए कार्यालय में जगह तक नहीं हैं। लिहाजा जो सामान खरीदा गया, वह पूरा कार्यालय में नहीं पहुंचा और जो सामग्री पहुंची, उसमें कुछ दिन बाद ही टूट फूट हो गई। अगर सामग्री का भौतिक सत्यापन कराया जाए तो हकीकत अपने आप सामने आ जाएगी। जिस फर्म से सामान सप्लाई करना बताया गया है, उनके आर्जीनल बिल न लगाकर कम्प्यूटर से बनाए हुए फर्म के लेटर हैड पर बिल लगाए गए हैं।

घोटाला -03

भारत सरकार स्कूल शिक्षा विभाग एवं साक्षरता विभाग मानव संसाधन विकास मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा अटल इनोवेशन मिशन के अंतर्गत साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग तथा मैथ्स को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से जिले के छह हायरसेकेंडरी स्कूलों को चार साल पूर्व अटल टिंकरिंग लैब के नाम पर 20- 20 लाख का अनुदान स्वीकृत हुआ था। उसमें प्रथम किश्त के रूप में 12-12 लाख यानि कि 72 लाख रुपए दिए जा चुके हैं। लेकिन व्यवस्था के नाम पर एक दो स्कूलों को छोडकऱ अन्य में सामान तक कबाड़ हो रहा है।

घोटाला -04

जिले में संचालित 182 हाईकूल व हायरसेकेंडरी स्कूलों में बिजली फिटिंग व सामान क्रय करने के लिए 36.40 लाख रुपए की राशि वर्ष 2024 के अंत में शासन ने जारी की गई थी। इसमें से प्रति स्कूल 20-20 हजार रुपए के हिसाब से राशि समस्त विकासखंड शिक्षा अधिकारियोंं के खाते में भेजे गए थे। ग्रामीण क्षेत्र के कुछ स्कूल ऐसे हैं कि जहां बिजली के कनेक्शन तक नहीं हैं और कुछ स्कूलों के पास खुद की बिल्डिंग नहीं हैं। कुछ ऐसे हैं जिनकी नई बिल्डिंग बनी हैं, वहां पहले से ही बेहतर तरीके से लाइट फिटिंग है, उसके बाद भी राशि कागजों में खर्च कर दी गई है।
  • 132 स्कूल भवन की मरम्मत की जांच के लिए कलेक्टर ने समिति बनाई थी, वह जांच कर रही है। बिजली फिटिंग के मामले में मेरे द्वारा समिति बनाई गई, वह समिति जांच नहीं कर सकी है, अब नए सिरे से उपरोक्त मामलों की जांच के लिए समिति बनाई जाएगी और समय सीमा में जांच के लिए समिति को निर्देशित किया जाएगा।

ए के सक्सेना, जिला शिक्षा अधिकारी, मुरैना

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