चंबल खतरे के निशान से 4 मीटर ऊपर, 10 गांव बाढ़ से घिरे, 30 का संपर्क टूटा
5 गांव खाली कराए, करजौनी में फंसी 3 प्रसूताएं, एसडीआरएफ ने किया रेस्कयू] नदुआपुरा चामड़ माता मंदिर पर फंसा निशांत पुजारी, ग्रामीण बाहर निकालने में जुटे
मुरैना. राजस्थान व श्योपुर में तेज बारिश के चलते पार्वती व कालीसिंध नदियों का पानी चंबल नदी में आने से नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बुधवार को रात 7 बजे चंबल नदी के राजघाट पर जलस्तर 141.70 मीटर पर पहुंच गया, जो खतरे के निशान 138 मीटर से 4 मीटर अधिक है। इसके चलते राजघाट पर स्थित पुराना पुल पानी में डूब गया। वहीं सबलगढ़, अंबाह क्षेत्र में 5 गांवों में चंबल का पानी घुसने लगा है, जिसके चलते यहां से 435 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। वहीं बाढ़ से घिरे झुंडपुरा के करजौनी गांव में तीन प्रसूताओं को एसडीआरएफ की टीम ने बोट से बाहर निकालकर सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया। रामपुरकलां में भी क्वारी नदी में उफान की वजह से 20 गांवों का संपर्क पूरी तरह से कट गया और ग्रामीण गांव में फंस गए हैं। इधर चंबल किनारे बसे नदुआपुरा गांव के लोग बाढ़ आने की वजह से गांव से ऊंचाई पर पहुंच गए लेकिन गांव में स्थित चामड़ माता मंदिर पर रहने वाला निशांत पुजारी मंदिर पर ही फंसा रह गया। ग्रामीणों ने ट्यूब की मदद से उन्हें निकालने की कोशिश की लेकिन वे असफल रहे।
5 गांवों में किया रेस्क्यू, 435 ग्रामीणों को सुरक्षित शिविर में भेजा
चंबल नदी में आए उफान के बाद जिला प्रशासन के सहयोग से एसडीआरएफ की टीमों ने 5 गांवों में रेस्क्यू कर 310 ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया। चम्बल नदी का जलस्तर बढऩे के कारण अम्बाह तहसील के ग्राम बीलपुर के मजरा घेर, मल्हन का पुरा, कचन का पुरा, छैकुरियन का पुरा, ग्राम कुथियाना के मजरा रामप्रकाश का पुरा के 119 परिवारों को सुरक्षित निकाला गया है। इनमें से कई परिवार अपने रिश्तेदारों के यहां पहुंच गये है। शेष लोग पंचायत भवन बीलपुर, महादेव मंदिर ऐसाह, माध्यमिक विद्यालय कुथियाना में शिफ्ट किये गये है। तहसील सबलगढ़ के ग्राम कैमाराकलां के मजरा रायड़ी, राधेन मार्ग भी बंद हो गया है।
पगारा के 2 गेट खुले, आसन नदी उफनी, घुरैयाबसई का रास्ता बंद
जौरा-पहाडगढ़ व सुमावली क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से पगारा डेम के छह गेट खुल जाने से आसन नदी में भी उफान आ गया है। घुरैयाबसई गांव की ओर जाने वाले आसन नदी के रपटे के ऊपर 7 फीट पानी बह रहा है। जिसकी वजह से घुरैयाबसई पंचायत के आठ गांवों का रास्ता पूरी तरह बंद हो गया है और लोग घरों में कैद हो गए। इसी तरह लोहगढ़ गांव का रास्ता भी बंद है और खेतों में खड़ी बाजरा की फसल डूब गई। नदी में उफान से ठेयमुरान, कैमाई, पीपरीपुरा, दुल्हेनी गांव के उबड़-खाबड़ रास्तों पर पानी भर गया है।
क्वारी-सोन, बांसुरी किनारे बसे 20 गांवों का रास्ता बंद
रामपुरकलां क्षेत्र में क्वारी, सोन और बांसुरी नदी में उफान आने से 30 गांवों का रास्ता बंद हो गया है। रामपुरकलां में ही जारौली घाट पर बने पुल से पानी ऊपर आ गया, जिससे रामपुरकलां का संपर्क शेष पंचायतों से कट गया। इधर बातेड़ गांव के बाहर क्वारी पर बने रपटे के ऊपर पानी आने से बातेड़, बंगा, जौंसिल, भूरापुरा, पचनया, काठौन, गांवड़ी, डुंगरावली-शक्तिपुरा के बीच सोन नदी में उफान से शक्तिपुरा, नथुआपुरा, चांदपुरा, जाटव का पुरा, स्यारूपुरा, चकपुरा सहित 12 गांवों में लोग घरों में कैद हो गए हैं। इसी प्रकार बेरखेरा-गठियाना के बीच बांसुरी नदी के रपटे पर पानी आने से बेरखेरा, सिंगारदे खालसा, सिंगारदे आदिवासी, बहेरी, छापर, कारेखेत-पटपुरा सहित 10 गांवों का रास्ता बंद हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है
जिले में 64 राहत शिविर बनाए गए हैं, जिनमें 03 शिविर शुरू करा दिए है। इन शिविरों में 310 लोगों को शिफ्ट किया जा चुका है। जिले में 05 स्थानों पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। अभी तक 5-6 रपटों पर मार्ग प्रतिबंधित किया गया है।
अंकित अस्थाना, कलेक्टर मुरैना
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