अहीर ने बताया कि केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, मेडिकल कॉलेज सहित राष्ट्रीय स्तर के सभी संस्थानों में ओबीसी कोटा भाजपा सरकार में ही शुरू हुआ है। कुछ जातियों को पिछड़े वर्ग से अलग करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह एक सतत प्रक्रिया है।
मोदी सरकार में मिला पिछड़ा वर्ग को केंद्रीय सेवा में आरक्षण
हंसराज अहीर ने बताया कि जब ओबीसी आरक्षण बना और मंडल आयोग के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया, तब इसमें प्रावधान रखा गया कि जो जातियां प्रगति में आगे हो जाती हैं, उन्हें सर्वे के बाद हटाया जा सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आर्थिक स्थिति में नॉन क्रीमी लेयर के बाद ही आरक्षण मिलता है। हंसराज अहीर ने कहा कि ओबीसी को नौकरियों, स्कूलों, कॉलेजों और मेडिकल कॉलेजों में 27 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि देश में पिछड़े वर्ग की आबादी 50 प्रतिशत से अधिक है और भाजपा सरकार में पहली बार उन्हें न्याय मिल रहा है।
अहीर ने आगे कहा कि आयोग के माध्यम से सभी राज्यों में ओबीसी के लिए कार्य किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य से लेकर पूर्वोत्तर के कम आबादी वाले राज्यों तक में ओबीसी के हितों के लिए काम हो रहा है।