यह मामला 2022 के विधानसभा चुनाव से जुड़ा है, जब अब्बास अंसारी ने एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिया था। इस मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। इस सजा के बाद उनकी विधायकी रद्द कर दी गई थी।
अब्बास अंसारी ने अपनी सजा के खिलाफ जिला जज मऊ की अदालत में अपील की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने अपनी सजा पर रोक लगाने की मांग करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में आपराधिक पुनरीक्षण अर्जी (क्रिमिनल रिवीजन एप्लीकेशन) दाखिल की है।
क्या था मामला?
पूरा मामला विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान का है। उस समय नगर कोतवाली क्षेत्र के पहाड़पुर मोहल्ले में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्तार अंसारी के बड़े बेटे अब्बास अंसारी ने खुले मंच से अधिकारियों को धमकी दी थी। उन्होंने कहा था कि चुनाव जीतने के बाद और सरकार बनने पर अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर रोक रहेगी और उनका “हिसाब-किताब” लिया जाएगा। अब्बास अंसारी ने मंच से ही यह धमकी भरे शब्द चुनावी जनसभा में बोले थे, जिसके बाद उनके खिलाफ हेट स्पीच का मामला दर्ज किया गया था।