सालों से खराब थी सड़कों की हालत
राजपुर गांव में सड़क की हालत सालों से खराब थी। बरसात में यह रास्ता कीचड़ और गड्ढों से भर जाता था। हालात ऐसे हो जाते थे कि आपातकाल में मरीजों को खटिया या ठेले पर लादकर मुख्य सड़क तक ले जाना पड़ता था। स्कूल जाने वाले बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होती थी। एंबुलेंस जैसी जरूरी सेवाएं गांव तक पहुंच ही नहीं पाती थीं।
वर्षों तक नेताओं और अधिकारियों से लगाई गुहार
गांववालों ने वर्षों तक नेताओं और अधिकारियों से गुहार लगाई। हर चुनाव में उन्हें सड़क बनवाने का वादा मिला, मगर काम कभी नहीं हुआ। जब सब ओर से हाथ खींच लिए गए, तब करीब 20 ग्रामीणों ने मिलकर चंदा इकट्ठा किया। करीब 70 हजार रुपये में ईंटें मंगवाई गईं और स्थानीय मेहनतकशों की मदद से सड़क का निर्माण शुरू हो गया।
गांववालों को मिली बड़ी राहत
अब गांव में वाहनों की आवाजाही आसान हो गई है और लोगों को बड़ी राहत मिली है। ग्रामीणों का कहना है, “जब सरकारी सिस्टम फेल हो जाए, तो जनता को खुद ही आगे बढ़कर रास्ता बनाना पड़ता है।” राजपुर की यह पहल अन्य गांवों के लिए भी एक बड़ी प्रेरणा बन रही है।