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लखनऊ

यूपी पंचायत चुनाव 2026: आयोग की जनसंख्या संबंधी रिपोर्ट के बाद तय होगा आरक्षण, जाने ताजा अपडेट

UP Panchayat Election 2026: यूपी में पंचायत चुनाव को लेकर समर्पित पिछड़ा आयोग के गठन का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। कैबिनेट की अंतिम मुहर लगने के बाद आयोग की रिपोर्ट के बाद ऐसे आरक्षण तय होगा।

लखनऊJul 12, 2025 / 07:05 am

Mahendra Tiwari

Up Panchayat chunaav

पंचायत चुनाव की सांकेतिक, फोटो सोर्स पत्रिका

UP Panchayat Election 2026: यूपी में अगले वर्ष अप्रैल में तक होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर पूरी सतर्कता बरती जा रही है। ताकि किसी तरह का आरक्षण को लेकर विवाद की स्थिति न उत्पन्न हो। इसके लिए छह सदस्यीय आयोग के गठन का प्रस्ताव शासन को भेजा गया। कैबिनेट की अंतिम मुहर लगने के बाद आयोग का गठन हो जाएगा। इसके बाद आयोग के प्रदेश के प्रत्येक जिले में जाकर ओबीसी की जनसंख्या रिपोर्ट जुटाएगा। रिपोर्ट तैयार होने के बाद ही होने वाले चुनाव में आरक्षण तय हो सकेगा।
UP Panchayat Election 2026: यूपी में अगले वर्ष यानी 2026 के अप्रैल में महीने में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए पंचायतीराज विभाग ने छह सदस्यीय आयोग के गठन का प्रस्ताव शासन को भेजा है। इस पर कैबिनेट की अंतिम मोहर लगनी है। इसके बाद राज्य स्थानीय ग्रामीण निकायों के लिए गठित पिछड़ा वर्ग आयोग की जनसंख्या रिपोर्ट के बाद ही आरक्षण की प्रक्रिया आगे बढ़ सकेगी। जनगणना-2011 के मुताबिक, प्रदेश में अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या 0.5677 और अनुसूचित जातियों की 20.6982 फीसदी है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इन वर्गों को इसी अनुपात में आरक्षण मिलेगा।

2021 में रैपिड सर्वे के बाद तय हुआ था आरक्षण

ओबीसी की जनसंख्या का आंकड़ा जनगणना में अलग से नहीं होता। वर्ष 2015 के रैपिड सर्वे के मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्रों में ओबीसी की आबादी 53.33 प्रतिशत थी। 2021 के पंचायत चुनाव में इसी आधार पर आरक्षण तय किया गया था। हालांकि, किसी भी ब्लॉक में ओबीसी की जनसंख्या भले ही 27 फीसदी से ज्यादा हो, लेकिन ग्राम प्रधान के पद पर आरक्षण 27 फीसदी से अधिक नहीं हो सकता। यदि किसी ब्लॉक में यह अनुपात 27 फीसदी से कम है। तो उसी के अनुसार पद आरक्षित होंगे। प्रदेश स्तर पर ओबीसी के लिए आरक्षण 27 फीसदी ही रहेगा।

पिछले वर्ष विवाद के बाद सरकार ने आयोग बनाकर मंगाई थी रिपोर्ट

नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। इसके बाद सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग बनाकर रिपोर्ट मंगाई थी। पंचायत चुनाव में भी वैसी ही प्रक्रिया अपनाई जा रही है ताकि किसी तरह की कानूनी अड़चन न आए। आयोग प्रदेश के विभिन्न जिलों में जाकर ओबीसी की जनसंख्या से संबंधित जानकारी जुटाएगा और अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा। उसके बाद ही आरक्षण की गाड़ी आगे बढ़ सकेगी।

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